बालेसर उपखंड अधिकारी पुष्पा हरवानी एवं तहसीलदार आईएएस अधिकारी ललित गोयल के नेतृत्व में मंगलवार को प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग टीम ने बालेसर कस्बे में अवैध संचालित निजी क्लीनिक में दबिश दी। जहां बिना किसी मान्यता एवं डिग्री के फर्जी चिकित्सक झोलाछाप ग्रामीणों का उपचार करते मिले। टीम को देख मेडिकल कर्मियों एवं झोलाछाप चिकित्सकों में हडक़ंप मच गया तथा एक झोलाछाप टॉयलेट का बहाना बनाकर फरार होने में कामयाब हो गया। जबकि एक पश्चिम बंगाल निवासी जगदीश अधिकारी पुत्र मुकुंद अधिकारी धरा गया।
उपखंड अधिकारी के नेतृत्व में की कार्रवाई में दोनों निजी क्लीनिक में काफी दवाइयों एवं सर्जिकल उपकरण जप्त किए। जिनमें से कई दवाइयां राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंधित है। कार्रवाई के दौरान कई मरीज भी मिले जिनके बयान लिए है।
उपखंड अधिकारी के निर्देश पर झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई के बाद दोनों एवं उपकरण जप्त की तथा झोलाछाप जगदीश अधिकारी सहित दो जनों के खिलाफ भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के तहत बालेसर पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया है।
पत्रिका ने उठाया था मामला बालेसर उपखंड मुख्यालय पर झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ राजस्थान पत्रिका में गत 7 फरवरी के अंक में (बालेसर क्षेत्र में झोलाछाप नीमहकीमों का फैल रहा है जाल) शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर पर उपखंड अधिकारी बालेसर ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई को अंजाम दिया।