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एम्स ने किया सैटेलाइट सेंटर एसटीएचआर के लिए एमओयू

locationजोधपुरPublished: Jul 22, 2021 11:08:44 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

एम्स करेगा आबू रोड में सैटेलाइट सेंटर फ ॉर ट्राइबल हेल्थ एंड रिसर्च स्थापित
 

एम्स ने किया सैटेलाइट सेंटर एसटीएचआर के लिए एमओयू

एम्स ने किया सैटेलाइट सेंटर एसटीएचआर के लिए एमओयू

जोधपुर. जनजातीय स्वास्थ्य का उत्कृष्ट केंद्र ( सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फ ॉर ट्राइबल हेल्थ ) व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर ने जनजातीय लोगों के स्वास्थ्य और स्वास्थ्य संबंधी रिसर्च के लिए एमओयू किया है। अब एम्स जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार, जनजतीय क्षेत्रीय विकास विभाग, राजस्थान सरकार एवं माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर राजस्थान के सहयोग से जनजातीय भवन आबू रोड में सैटेलाइट सेंटर फ ॉर ट्राइबल हेल्थ एंड रिसर्च को स्थापित करेगा। इसके लिए गुरुवार को संक्षिप्त कार्यक्रम में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू एम्स एवं जनजतीय क्षेत्र विकास विभाग राजस्थान सरकार एवं माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर के बीच किया गया। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव डॉ नवलजीत कपूर, एम्स निदेशक डॉ संजीव मिश्रा, जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग राजस्थान सरकार के एडिशनल कमिश्नर वीसी गर्ग, माणिक्य लाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर के निदेशक गोविन्द सिंह राणावत, एम्स के उपनिदेशक एनआर बिश्नोई , एम्स के शैक्षिक संकायाध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन डॉ अभिनव दीक्षित,डॉ शिल्पी गुप्ता, एसडीएम अभिषेक सुराणा, जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग की डिप्टी कमिश्नर सुमन सोनल और प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर की संयुक्त निदेशक ज्योति मेहता ने कार्यक्रम में भाग लिया। संचालन डॉ राखी द्विवेदी ने किया।
ये कार्य होंगे
यहां एम्स जोधपुर के विशेषज्ञों की ओर से सभी स्पेशियलिटी और सुपर-स्पेशियलिटी डिपार्टमेंट के टेलीकंसल्टेशन की अनूठी सुविधा होगी। टेलीमेडिसिन विशेषज्ञता सामान्य चिकित्सा, बाल रोग, प्रसूति एवं स्त्री रोग, शल्य चिकित्सा, चर्म रोग आदि जैसे विभागों और एंडोक्रिनोलॉजी और मेटाबॉलिज्म, कार्डियोलॉजी, नेफ ्रोलॉजी आदि जैसे सुपर-स्पेशियलिटी में साक्ष्य आधारित केयर में मदद करेगा। रोगी के रिकॉर्ड को एम्स जोधपुर के अस्पताल सूचना प्रणाली यानी एचआईएस पर समर्पित जनजातीय सिरोही पोर्टल से जोड़ा जाएगा। आने वाले समय में यह केंद्र जनजातीय स्वास्थ्य एवं अनुसन्धान का एक जनोपयोगी केंद्र होगा। चिकित्सकों का कहना हैं कि जनजातीय लोगों में सिकल सेल एनीमिया, तपेदिक, सिलिकोसिस जैसी विशेष समस्याओं के लिए दीर्घकालिक अनुसंधान की आवश्यकता है। सामुदायिक अनुसंधान के माध्यम से जनजातीय सामुदायिक विकास के लिए एसटीएचआर उपयोगी मॉडल होगा।
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