विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर (Legal Services Authority Jodhpur) के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश नरसिंहदास व्यास और सचिव सिद्धेश्वर पुरी ने बताया कि लोक अदालत के तहत कुल 22 बेंच का गठन किया गया था।
राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान पारिवारिक न्यायालय संख्या एक में 104 और पारिवारिक न्यायालय संख्या दो में 255 मुकदमे सूचीबद्ध थे। इनमें से कई मामलों में राजीनामा होने के बाद कई परिवार फिर से मिले। फिर भी कई मामले अनसुलझे रह गए।
एक मामले में मुकेश और राखी ने दस साल बाद फिर से एक दूसरे को वरमाला पहनाई और मुंह मीठा कर घर को रवाना हुए। हाउसिंग बोर्ड निवासी मुकेश और अजमेर निवासी राखी की शादी 19 नवंबर, 2009 में हुई थी। दोनों के एक बच्ची हुई लेकिन वैचारिक मतभेद के चलते दोनों के बीच मुकदमेबाजी शुरू हो गई। 10 जून, 2019 को पारिवारिक न्यायालय में तलाक का मुकदमा दायर हुआ। शनिवार को पारिवारिक न्यायालय के न्यायाधीश प्रमोदकुमार जैन, सदस्य सुमन अग्रवाल और राखी के अधिवक्ता लक्ष्मीनारायण माथुर की समझाइश से दोनों ने एक दूसरे की गलतियां भुला दी।
एक अन्य मामले में एक बुजुर्ग दंपति अब्दुल रहमान तथा फिरदोस ने वर्ष 2012 में तलाक के लिए आवेदन कर दिया था लेकिन न्यायालय में दोनों के बीच समझाइश से मामला निपट गया और दोनों खुशी जाहिर कर घर रवाना हो गए। इन्हें
एक अन्य मामले में एक बुजुर्ग दंपति अब्दुल रहमान तथा फिरदोस ने वर्ष 2012 में तलाक के लिए आवेदन कर दिया था लेकिन न्यायालय में दोनों के बीच समझाइश से मामला निपट गया और दोनों खुशी जाहिर कर घर रवाना हो गए। इन्हें
महिला उत्पीडऩ न्यायालय की पीठासीन अधिकारी मनीषा चौधरी ने को समझा कर घर जाने के लिए राजी किया। 249 प्रकरण का निस्तारण जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में शनिवार को आयोजित वर्ष 2019 की तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के 249 प्रकरणों का निस्तारण कर 4 करोड़, 30 लाख, 4 हजार 328 रुपए के अवार्ड पारित किए गए।
राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए गठित न्यायाधीश संदीप मेहता, न्यायाधीश विजय विश्नोई, न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी, न्यायाधीश दिनेश मेहता और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की पीठ ने मनोनीत अधिवक्ता सदस्यों के साथ लोक अदालत की भावना से लंबित प्रकरणों में पक्षकारों के मध्य समझाइश करवाई। राष्ट्रीय लोक अदालत में राज्यभर से कई पक्षकार उपस्थित हुए। इनमें 10 वर्ष से पुराने लंबित प्रकरणों के निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया गया।
राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव देवकुमार खत्री ने बताया कि निस्तारित प्रकरणों में मोटर दुर्घटना दावा तथा चैक अनादरण के मामलों में अवार्ड पारित किए गए। इस दौरान इंश्योरंस कंपनियों के पैनल अधिवक्ताओं के अलावा पक्षकारों के अधिवक्ताओं ने भी सहयोग किया।
राजस्थान हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के सचिव देवकुमार खत्री ने बताया कि निस्तारित प्रकरणों में मोटर दुर्घटना दावा तथा चैक अनादरण के मामलों में अवार्ड पारित किए गए। इस दौरान इंश्योरंस कंपनियों के पैनल अधिवक्ताओं के अलावा पक्षकारों के अधिवक्ताओं ने भी सहयोग किया।