ढाई साल बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाया ऑटोमेटेड कंप्यूटर ड्राइविंग ट्रेक
जोधपुरPublished: Jun 17, 2021 11:02:11 pm
– अब तक नहीं लगे सेंसर- परिवहन आयुक्त ने पांच माह पहले दौरा भी किया था
ढाई साल बाद भी मूर्त रूप नहीं ले पाया ऑटोमेटेड कंप्यूटर ड्राइविंग ट्रेक
जोधपुर।
परिवहन विभाग में बनाया गया नया ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक करीब ढाई साल बाद भी मूर्तरूप नहीं ले पाया है। वाहनों के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक की इस नई प्रणाली से ट्रायल लेने के लिए तैयार ट्रेक पर सेंसर, कम्प्यूटर सिस्टम, सॉफ्टवेयर सहित तकनीकी काम अटक गए है। प्रदेश के तत्कालीन परिवहन आयुक्त रवि जैन ने 28 जनवरी को जोधपुर में विभागीय बैठक में भाग लेने के बाद बताया था कि ट्रेक का काम लगभग पूरा है और सेंसर सहित तकनीकी काम करीब डेढ़ माह में पूरे कर ट्रेक चालू कर दिया जाएगा। बाद में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और यह काम आगे नहीं खिसक पाया। ट्रेक का निर्माण राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी ) ने किया है।
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कैमरों से होगी मॉनिटरिंग
विभाग की ओर से लर्निंग और परमानेंट लाइसेंस में आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बाद ड्राइविंग ट्रायल लेने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। पारदर्शिता से ट्रायल कराने के लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रेक पर कैमरों से मॉनीटरिंग की जाएगी और सभी टेस्ट के बाद आवेदक के पास-फेल का रिजल्ट निकाला जाएगा।
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ट्रेक पर सेंसर लगाने सहित कुछ तकनीकी काम मुख्यालय स्तर से वर्क ऑर्डर होने पर ही होंगे।
रामनारायण गुर्जर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
जोधपुर