आधा दर्जन ग्रामीण मधुमक्खियों के हमले से बेहोश हो गए। वहीं कई लोग झाडिय़ों के पीछे दुबके बैठे रहे। बाद में मधुमक्खियां शांत होने पर लोग निकलकर आए। घटनास्थल पर मौजूद उदलियावास गोशाला अध्यक्ष जगदीश गौड़ अपनी कार में जख्मी लोगों को बिठाकर उपचार के लिए उदलियावास व कालाऊना गांव के चिकित्सकों के पास लेकर गए। वहीं घायलों की संख्या अधिक होने से उदलियावास से डॉ. सुरेश सेंगवा को मौके पर ही बुलाया गया।
जहां चिकित्सक द्वारा मधुमक्खियों के डंक से जख्मी लोगों का उपचार किया गया। कालाऊना गांव में गजेसिंह बलुदिंया का निधन हो गया था, जिनके अतिम संस्कार में ग्रामीण शामिल हुए थे। कई लोगों के शरीर में मधुमक्खी के डंक के कारण तेज जलन और सूजन हो गई।
मधुमक्खियों के हमले से अनिल जाट, नेमाराम जाट, मानाराम जाट, डावरराम जाट, रफीक मोहम्मद, नूर मोहम्मद, बाबूलाल, श्यामलाल जाट, नरपत राम, भंवरलाल जाट, रामपाल मेघवाल, कालू खां, पोलाराम, पाबूराम जाट, तेजाराम जाट, महेंद्र सिंह डांवरराम जाट सहित करीब 60 लोग जख्मी हो गए।