दोनों साइड का दे रखा है ठेका जोधपुर व जयपुर साइड जाने वाली बसों में बुकिंग में रोडवेज कर्मचारी नहीं लगे हुए हैं। दोनों साइड ठेके पर दी गई है। वह बसों में जाकर टिकट बनाते हैं। कोरोना से पहले यह बस स्टैण्ड प्रतिमाह लगभग दस लाख रुपए की आमदनी रोडवेज को दे रहा था।
मुख्य बस स्टैण्ड के प्रवेश एवं निकासी के तीन द्वार बने हुए हैं लेकिन एक भी द्वार पर न तो गेट लगा है और न ही काउ केचर। इसके चलते आवारा पशु बस स्टैण्ड के अन्दर विचरण करते रहते हैं जहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। सार्वजनिक सुविधाओं का भी अभाव है, बुकिंग भवन दशकों पुराना होने से जगह-जगह दरारें बनने लगी है, वहीं कई स्थानों से छज्जे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इनके नीचे खड़े होने से भी डर लगने लगा है।
इनका कहना है रोडवेज में अभी बजट नहीं है। कोई भामाशाह मिले तो इस बस स्टैण्ड का कायाकल्प हो सकता है। वैसे हमने इसकी जर्जर स्थिति के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
-बीआर बेड़ा, मुख्य प्रबंधक, राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम,जोधपुर