भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में सोमवार शाम को कार्यकर्ता परकोटा शहर में कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में पीडि़तों से मिलना जाना चाहते थे। लेकिन शाम सात बजे बाद पुलिस ने कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी। इस पर सभी कार्यकर्ता अड़ गए। उनका आरोप था कि जानबूझ कर उनको सर्किट हाउस में रोक कर रखा और कर्फ्यू का समय होने दिया। इसके बाद उन्होंने शांति पूवर्क बिना वाहन भी अंदर जाने की मांग रखी, लेकिन पुलिस ने नहीं मानी।
करीब साढ़े नौ बजे पुलिस ने पास बनवाए। तब कुछ वाहनों में प्रदेशाध्यक्ष शर्मा के साथ प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वरूण धनाडिया, शहर जिलाध्यक्ष गौरव जैन, देहात जिलाध्यक्ष अरविंद बर्रा सहित अन्य कार्यकर्ता पीडि़तों से मिलने पहुंचे। शहर के नई सड़क चौराहे पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं व पुलिस के मध्य करीब ढाई घंटे तक तनाव रहा। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने पास बनवा कर कुछ गाडि़यों सहित अन्य कार्यकर्ताओं को अंदर आने की अनुमति दी।
रात 10 बजे पहुंचे
कर्फ्यू पास बनने के बाद रात 10 बजे शहर में जाने की अनुमति मिली। इसके बाद पीडि़तों के घर पहुंचे और पूरी जानकारी ली। इनका कहना...
पहले हमें सर्किट हाउस में रोक लिया। फिर पांच गाडि़यां ही आने दी। इसके बाद नई सड़क पर रोक दिया। जानबूझ हमारा समय खराब किया और काफी देर तक पुलिसकर्मी कोई निर्णय नहीं ले पाए। हम शांति पूर्ण तरीके से पीडि़तों से मिलना चाह रहे थे।
- हिमांशु शर्मा, भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष
कर्फ्यू पास बनने के बाद रात 10 बजे शहर में जाने की अनुमति मिली। इसके बाद पीडि़तों के घर पहुंचे और पूरी जानकारी ली। इनका कहना...
पहले हमें सर्किट हाउस में रोक लिया। फिर पांच गाडि़यां ही आने दी। इसके बाद नई सड़क पर रोक दिया। जानबूझ हमारा समय खराब किया और काफी देर तक पुलिसकर्मी कोई निर्णय नहीं ले पाए। हम शांति पूर्ण तरीके से पीडि़तों से मिलना चाह रहे थे।
- हिमांशु शर्मा, भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष