—– प्रदेश में आसाम-बंगाल से आती है चाय – आसाम में गुवाहाटी, तिनसुखिया, डिब्रूगढ़, जोरहाट, ढेकियाजूली से आती है चाय पत्ती। – पं बंगाल से सिलिगुडी से चाय पत्ती आती है।
– प्रदेश में प्रमुखतया अपर आसाम ,दुआस व कछार किस्म की चाय आती है। – प्रदेश में जयपुर व जोधपुर चाय की सबसे बड़ी मंडी – 70 हजार किलो जोधपुर शहर व आसपास खपत प्रतिदिन
– आसाम-बंगाल से आपूर्ति कम होने के कारण व्यापारी केरल के कोचीन व कुन्नूर से भी चाय मंगा रहे (तुलनात्मक रूप से यह हल्की क्वालिटी की होती है) — लॉकडाउन के कारण बागानों में चाय की पैदावार खत्म हो गई। बाद में मांग की अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही, इसलिए भाव ऊंचे जा रहे है। भावों में कमी तो दूर, वर्तमान भावों में स्थिरता आने में कम से कम 2 माह लगेंगे।
ओमसिंह राजपुरोहित, टी ब्रोकर —- कोरोना व लॉकडाउन से चाय उद्योग प्रभावित हुआ है। अनलॉक में मजदूरों की कमी हो गई। फिलहाल बाढ़ के कारण चाय की फ सल खराब हुई व आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
प्रसन्नचंद मेहता, थोक व्यापारी — हमारा चाय पत्ती का पुश्तैनी व्यापार है। मैने पिछले 40 सालों के इतिहास में चाय पत्ती में इतनी तेजी पहली बार देखी है। वर्तमान स्थितियों के अनुसार आगामी दिनों में भी भाव कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे है।
वरुण मेहता, थोक व्यापारी —