यहां कमलेश पालीवाल नामक व्यक्ति डॉक्टर बनकर अपना क्लीनिक संचालित करता पाया गया। जिसकी टीम द्वारा पड़ताल करने पर पाया कि संचालक के पास चिकित्सकीय कार्य संबंधित कोई डिग्री नहीं है। जबकि वहां पर कोरोना महामारी एक्ट के विरुद्ध खांसी-बुखार के मरीजों का इलाज किया जा रहा था। मौके पर झोलाछाप मरीजों को ड्रिप लगाता पाया गया।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों व ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम द्वारा जांच में पाया कि क्लीनिक पर भारी मात्रा में अवैध दवाइयां व बिना बिलिंग की दवाइयां आदि मिली। कार्रवाई में लूणी तहसीलदार जगदीश बिश्नोई, नायब तहसीलदार रवि शेखर, डॉ. अशोक, ड्रग इंस्पेक्टर हेमा सोलंकी, किशोर पंवार व लूणी पुलिस टीम साथ रही। अब संयुक्त कार्यवाही में झोलाछाप के खिलाफ मामला दर्ज कर नियमानुसार कानूनी कार्यवाही होगी।