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किसानों के लिए खुशखबरी, बगैर पानी-बिजली कर सकेंगे खेती!

locationजोधपुरPublished: Sep 20, 2019 08:23:21 pm

jodhpur news – काजरी ने नाबार्ड के लिए विकसित किया मॉडल- खेत में प्लास्टिक शीट लगाकर इकट्ठा किया वर्षा जल, इसी से होगी साल भर खेती- सोलर पैनल से मिलेगी बिजली

किसानों के लिए खुशखबरी, बगैर पानी-बिजली कर सकेंगे खेती!

किसानों के लिए खुशखबरी, बगैर पानी-बिजली कर सकेंगे खेती!

जोधपुर. काजरी ने बरसात का पानी खेत में तालाब बनाकर प्लास्टिक शीटें बिछाकर इकठ्ठा कर लिया। जोधपुर जिले में मानसून में 519 मिमी बरसात हुई थी। अब इसी पानी से साल भर खेत सींचा जाएगा। खाद भी बूंद-बूंद सिंचाई के जरिए पहुंचाई जाएगी। बिजली के लिए सोलर पैनल लगाए हैं। किसानों की आमदनी के लिए तैयार यह मॉडल एेसे गांव-ढाणी में काम करेगा जहां न पानी है और न ही बिजली।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से काजरी को 3 साल के लिए ‘एक्सपोर्ट ओरिएंटेड पॉमिग्रेनेट प्रोडक्शन मॉडल’ विकसित करने का प्रोजेक्ट सौंपा गया है। काजरी ने छह महीने में ही अपने टेक्नोलॉजी पार्क में मॉडल तैयार कर 0.30 हेक्टेयर क्षेत्र में अनार के 225 पौधों की कतारों के मध्य हाइ डेनसिटी पॉलीएथिलिन शीटें लगाकर जमीन पर प्लास्टिक से मल्चिंग कर दी। 500 गेज के प्लास्टिक के साथ प्लास्टिक के पाइप लगाए और इनका संबंध खेत में ही बनाए 1.75 लाख लीटर क्षमता के तालाब से कर दिया। तालाब के पास ३ हॉर्स पावर के सोलर पैनल लगाए गए। प्लास्टिक शीटों का ढाल तालाब की ओर रखा गया। जुलाई और अगस्त में ही झमाझम बरसात से खेत में गिरा 80 फीसदी पानी प्लास्टिक शीटों से बहता हुआ तालाब में इकठ्ठा हो चुका है। उच्च गुणवत्तायुक्त इस पानी से मृदा का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।
विपरीत परिस्थितियों में हो सकेगी खेती
काजरी के वैज्ञानिक डॉ. अकथसिंह ने बताया कि इस तरह से एेसे इलाके जहां भू-जल बहुत नीचे चला गया है, पानी खारा है, बिजली नहीं है, वहां पर खेती की जा सकती है। इस तरह किसान उच्च आमदनी वाली फसल ले सकते हैं। राजस्थान में अनार की खेती बहुत हो रही है। एेसे में दूरदराज के रेगिस्तानी इलाकों में भी यह मॉडल काम करेगा। अनार के एक पेड़ से 700 से 800 रुपए मिलते हैं।
पानी की बचत सबसे बड़ी बात
‘इस मॉडल का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि हमने आसमान से गिरे 80 फीसदी पानी को बचा लिया। इससे केवल बरसात के पानी से खेती संभव हो सकेगी।
डॉ. ओपी यादव, निदेशक, काजरी जोधपुर
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