काजरी के वैज्ञानिक डॉ. अकथसिंह ने बताया कि इस तरह से एेसे इलाके जहां भू-जल बहुत नीचे चला गया है, पानी खारा है, बिजली नहीं है, वहां पर खेती की जा सकती है। इस तरह किसान उच्च आमदनी वाली फसल ले सकते हैं। राजस्थान में अनार की खेती बहुत हो रही है। एेसे में दूरदराज के रेगिस्तानी इलाकों में भी यह मॉडल काम करेगा। अनार के एक पेड़ से 700 से 800 रुपए मिलते हैं।
‘इस मॉडल का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि हमने आसमान से गिरे 80 फीसदी पानी को बचा लिया। इससे केवल बरसात के पानी से खेती संभव हो सकेगी।
डॉ. ओपी यादव, निदेशक, काजरी जोधपुर