टिड्डी हमला होते ही चारों एजेंसी एक साथ उस पर नियंत्रण करें ताकि भविष्य में किसी नुकसान से बचा जा सके। हालांकि केंद्रीय दल ने टिड्डी हमले से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रयासों मसलन किसानों को फ्री पेस्टीसाइड उपलब्ध करवाना, समय पर गिरदारी व नुकसान की भरपाई जैसे कार्यों को सराहा। केंद्रीय किसान एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अतिश चन्द्रा की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में आयोजित बैठक में टिड्डी हमले व नुकसान की समीक्षा की गई।
चंद्रा ने कहा कि टिड्डी हमले के दौरान फसलों पर हुए नुकसान का वास्तविक आकलन होना चाहिए ताकि टिड्डी के पैटर्न, उसके व्यवहार और बदलाव के बारे में सटिक जानकारी मिल सके और भविष्य में उससे निपटने के लिए बेहतर योजना सामने आ सके। प्रदेश में नुकसान के सटिक आकलन पर उन्होंने संतोष प्रकट किया। केंद्रीय दल के नौ सदस्यों ने तीन दल में विभक्त होकर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, बीकानेर व श्रीगंगानगर में टिड्डी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था।
किसानों को पास हो निपटने के हथियार
पूर्वी अफ्रीका में टिड्डी का भयंकर प्रकोप है और दो महीने बाद फिर से बड़े टिड्डी दल आने की आशंका को देखते हुए केंद्रीय दल ने किसानों को स्वयं ही तैयार रहने की बात कही। दल के सदस्यों ने कहा कि किसान खुद ही ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रे साथ में रखें। सरकार इसके लिए सुविधाएं देगी।
अब ड्रोन की मदद लेगी केंद्र सरकार
टिड्डी के व्यवहार और उसके हमले में पैटर्न को देखते हुए केंद्रीय दल ने अत्याधुनिक ड्रोन टेक्नोलॉजी की सहायता लेने की भी बात की। दल की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार संभवत: ड्रोन व हवाई जहाज से स्प्रे पर विचार करेगी।
पंजाब बॉर्डर पर ही बची है टिड्डी
प्रदेश में फिलहाल टिड्डी से राहत है। वर्तमान में श्रीगंगानगर से लगते पंजाब बॉर्डर पर कुछ छितराई टिड्डी है जिस पर काबू करने का प्रयास किया जा रहा है।