काफी देर तक उसके नजर न आने पर बहन शिल्पा अंदर आई तो भाई पानी की बाल्टी में गिरा नजर आया। उसने उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह अचेत हो चुका था। बालिका के चिल्लाने पर मकान मालिक की पत्नी आई और आस-पास के लोगों की मदद से बालक को मथुरादास माथुर अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया। बाद में परिजन भी मोर्चरी पहुंचे। उनके आग्रह पर पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव सुपुर्द किया।
पुलिस ने कराई गांव जाने को एम्बुलेंस की व्यवस्था देवनगर थानाधिकारी सोमकरण का कहना है कि मृतक के माता-पिता सुबह से शाम कमठा मजदूरी कर जीवन-यापन कर रहे हैं। अंतिम संस्कार व पैतृक गांव जाने के रुपए नहीं थे। एेसे में पुलिस ने सुदर्शन सेवा संस्थान की मदद से नि:शुल्क एम्बुलेंस की मदद करवाई और शव व परिजन को गांव भेजा।