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स्वच्छता सर्वे शुरू, फिर भी नहीं हटे कचरे के ढेर

locationजोधपुरPublished: Jan 14, 2019 10:07:09 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

ऐसा लगता है कि नगर निगम के जिम्मेदारों को साफ-सफाई से कोई लेना-देना नहीं है।

Cleanliness Survey Launches, Still Not Lacked Garbage Pile

स्वच्छता सर्वे शुरू, फिर भी नहीं हटे कचरे के ढेर

जोधपुर. ऐसा लगता है कि नगर निगम के जिम्मेदारों को साफ-सफाई से कोई लेना-देना नहीं है। यही वजह है कि नई दिल्ली से स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम रविवार दोपहर से जोधपुर में स्वच्छता का जायजा ले रही है, दूसरी तरफ शहर में कई जगह कचरे के ढेर लगे हैं। सार्वजनिक शौचालय की भी हालत सही नहीं है।
‘स्वच्छता सर्वेक्षण 2019’ की टीम इस बार जोधपुर में प्रत्यक्ष मूल्यांकन के 1250 अंकों से सफाई व्यवस्था का आंकलन करने आई है। टीम शहर में 60 रहवासी इलाकों का चयन कर मूल्यांकन कर रही है। नगर निगम ने इन इलाकों की जिम्मेदारी मुख्य सफाई निरीक्षकों को सौंपी थी, लेकिन इसे कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है।
स्वच्छता सर्वेक्षण की तीन सदस्यीय टीम ने सोमवार को वार्ड संख्या 14, 26, 53 और 39 और सालावास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी अवलोकन किया। इसके अलावा कई जगह पब्लिक फीडबैक भी लिया है।
रैंकिंग घटने-बढऩे के लिए ये रहेंगे जिम्मेदार

1. एक्सईएन राहुल गुप्ता (स्वच्छता सर्वेक्षण की क्रियान्विति के नोडल अधिकारी )

2. एईएन सुरेन्द्र विश्नोई (स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी )
( इसके अलावा अन्य टीम फिल्ड विजिट में शामिल हैं।)
इस बार कहां पिछडेंगे

-डोर टू डोर कलेक्शन की स्कीम में कोई प्लांनिग नहीं। कलस्टर टेंडर अभी तक निकल रहे हैं।

-वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए निजी फर्म के साथ एग्रीमेंट हो गया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।
– निगम की कई सेवाएं ऑनलाइन नहीं हुई।
– पिछले बार आमजन ने फीडबैक में रुची नहीं ली। इस बार जनता के फीडबैक के बारे में रिजल्ट आने पर पता लगेगा। इन बिंदुओं से आप खुद परखें शहर की स्थिति क्या सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालय स्वच्छ व यूजर फ्रेंडली हैं?
– महिला-पुरुषों के शौचालय सही हालत में हैं?

-डस्टबिन प्रत्येक शौचालय सीट के साथ उपलब्ध है?
-महिला-पुरुषों के लिए कितने शौचालय हैं?- पानी, फ्लश व बच्चों के उपयोग के लिए शौचालय में सुविधा है? – विकलांग के लिए रैंप, शौचालय में प्राकृतिक प्रकाश, वॉश बेसिन साबुन, केयर टेक र उपलब्धता, प्रभावी वेंटिलेशन, आइसीटी बेस्ड सिस्टम है?
-सभी स्थान बिना कचरे के हैं और गाय का गोबर व नाली ब्लॉकेज तो नहीं है?
-डस्टबिन प्रत्येक 50 मीटर पर हैं, ऑनसेट प्रोसेसिंग उपलब्ध है?

– बाजार आवारा पशु से मुक्त हैं?

– बाजारों के आसपास के स्थान साइनेज बोर्ड होर्डिंग प्रति सौ मीटर पर लगे हैं?
– रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन व एयरपोर्ट के आसपास का स्थान स्वच्छ है?

– आसपास की दुकानों पर डस्टबिन उपलब्ध हैं?

– स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के होर्डिंग, बिल बोर्ड व दीवार लेखन उपलब्ध हैं?
इनका कहना

‘ऐसी कोई जगह है जहां गंदगी हो तो वहां सफाई करवाएंगे। नई दिल्ली से आई टीम के सदस्यों से सुबह मेरी बात हुई थी, वे व्यवस्थाओं से संतुष्ट थे।
– सुरेश कुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम
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