बेनीवाल सबसे पहले मणाई गांव पहुंची, इसके बाद बिजवाडिय़ा, ओसियां, जोधपुर शहर के चांदपोल, झालामण्ड क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयास से असहाय हुए बच्चों की समुचित परवरिश का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। इसके साथ ही बालकों की हर संभव मदद के लिए संपूर्ण जानकारी जुटाई जा रही है। असहाय हुए बच्चों की सूचना केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से संचालित बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। बच्चों के शैक्षणिक विकास के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना में आवेदन करवाया जा रहा है, जिससे उनको राहत मिल सके। राजस्थान पत्रिका ने कोरोना काल में अपनों को खो चुके बच्चों को संबल देने के लिए अभियान शुरू किया था, इसके बाद कई भामाशाह मदद करने को आगे आ रहे हैं।