संस्था के महासचिव सुरेश सैनी ने गत माह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत भेजकर प्राइवेट वाहनों पर जाति, गांव, भूतपूर्व पद, संगठन में पदों का नाम, खुद व गांव का नाम, विभिन्न चिह्न और स्लोगन लिखने के बारे में कार्रवाई की मांग की थी। संस्था का कहना था कि ऐसे वाहनों से जातिवाद को बढ़ावा मिल रहा है। अशांति का माहौल हो रहा है। जातिगत कई मांगें सामने आने लगी है। वाहनों पर अंकित नाम, पद का नाम, स्लोगन आदि से ध्यान भंग होने से सडक़ हादसे होने का भी अंदेशा बना रहता है।
मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत को गृह विभाग को भेजा गया था। विभाग ने कार्रवाई के लिए गत दिनों पुलिस महानिदेशक कार्यालय भेज दिया गया था। इस पर पुलिस मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (यातायात) चूनाराम जाट ने एक आदेश जारी कर वाहनों पर जाति, पद, गांव और भूतपूर्व पद, गांव का नाम, स्लोगन आदि लिखने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने राज्य के सभी जिला पुलिस को आदेश की प्रतिलिपि भेजी है।