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अपना दूसरा बजट पेश करने वाली है कांग्रेस सरकार, जोधपुर की जनता को है इन घोषणाओं के पूरा होने की उम्मीद

locationजोधपुरPublished: Feb 20, 2020 10:37:53 am

Submitted by:

Harshwardhan bhati

प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद दूसरा बजट गुरुवार को 11 बजे पेश करने वाली है। इससे पहले 10 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना पहला बजट पेश किया था। अभी 7 माह का समय हुआ है, जो पहले घोषणाएं हुई उनमें से अधिकांश कागजों में है।

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अपना दूसरा बजट पेश करने वाली है कांग्रेस सरकार, जोधपुर की जनता को है इन घोषणाओं के पूरा होने की उम्मीद

अविनाश केवलिया/जोधपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद दूसरा बजट गुरुवार को 11 बजे पेश करने वाली है। इससे पहले 10 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना पहला बजट पेश किया था। अभी 7 माह का समय हुआ है, जो पहले घोषणाएं हुई उनमें से अधिकांश कागजों में है। साथ ही एलिवेटेड रोड, राजीव गांधी नहर का तीसरा चरण जैसे कई प्रोजेक्ट है, जिनको डीपीआर की घोषणा के बाद अब बजट की दरकार है। क्या है जोधपुर को सीएम से उम्मीदें, कैसे इनसे विकास का एक ओर सोपान हमारा शहर चढ़ सकता है इस पर एक नजर..
पिछले साल रखा पहला कदम, अब दूसरे की बारी
1. एलिवेटेड रोड – पिछले बार डीपीआर की घोषणा हुई। 2 करोड़ का बजट मिला। इस बार इसे धरातल पर उतारने के लिए घोषणा की उम्मीद।
2. लिफ्ट केनाल तीसरा चरण – राजीव गांधी लिफ्ट केनाल को बजट में शामिल करते हुए घोषणा हुई। इस बार राज्य सरकार के अंश के रूप में पहली किश्त चाहिए। जिससे जायका प्रोजेक्ट में फंड मिल सके।
3. जोजरी रिवर फ्रंट – रिवर फ्रंट के लिए डीपीआर का काम चल रहा है। इसके लिए भी बड़े बजट की जरूरत है। जिसको इस घोषणा में शामिल किया जा सकता है।
4. सारण नगर से बनाड़ तक 100 फीट सडक़ – पिछले साल इसके लिए डीपीआर की घोषणा हुई, कागजों में काम शुरू हुआ। अब इसमें भी प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए प्रारंभिक फंड की जरूरत है।
5. 765 केवी जीएसएस – कांकाणी के 400 केवी जीएसएस को ही अपग्रेड करना है। इस प्रोजेक्ट को केन्द्र सरकार के सहयोग से पूरा किया जा सकता है। राज्य सरकार से अंश की जरूरत है।
यहां धीमी रफ्तार
1. पशु विज्ञान महाविद्यालय – इसके लिए जमीन अधिग्रहण सहित अन्य कार्यों के लिए कागजी कार्रवाई शुरू हुई। लेकिन अब तक कोई विशेष प्रगति नहीं।

2. हॉफ वे होम – जयपुर व जोधपुर में 50-50 की क्षमता के हॉफ वे होम की घोषणा हुई थी। लेकिन धरातल पर कोई खास प्रगति नहीं।
3. उम्मेद स्टेडियम में शेड निर्माण – 2 करोड़ में यह शेड बनना था। इस के लिए कागजी प्रक्रिया तो अपनाई गई। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ है।

4. सौर ऊर्जा में नहीं हुआ काम – सीएम ने पिछले बजट में कहा कि हर घर पर सौर प्लेट होनी चाहिए। लेकिन अब तक सरकारी कार्यालयों में ही इसकी पालना नहीं हुई। ऐसे में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के दावे खोखले।
5. नहीं लगी लीनियर एक्सीलेटर मशीन – राज्य सरकार ने एमडीएम अस्पताल में पिछले बजट में कैंसर मरीजों के लिए लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगवाने, मल्टी लेवल आइसीयू बनाने की घोषणा की थी, लेकिन ये कार्य अभी तक पूरे नहीं हुए।
आज के बजट से जोधपुर को ये हैं उम्मीदें
1. जोधपुर शहर में पिछले करीब दो दशक से ज्यादा समय से नया औद्योगिक क्षेत्र मूर्तरूप नहीं ले पाया है। इस बार नए औद्योगिक क्षेत्रों की उम्मीद है।
2. कई वर्षों से टैक्सटाइल पार्क की मांग की जा रही है। जहां कपड़े की धुलाई, रंगाई-छपाई व आधुनिक मशीनरी के साथ सिलाई, डिजाइनिंग, पैकिंग तक का काम हो।
3. शहर में खेलों के लिए खेल व शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय स्थापित हो। शाला क्रीड़ा संगम मैदान गौशाला मैदान में सिंथेटिक ट्रेक को देखते हुए एथलेटिक्स एकेडमी की स्थापना हो।
4. 55 वर्ष से ऊपर आयु वाले लघु व सीमांत किसानों को 1 हजार रुपए तक प्रतिमाह पेंशन घोषणा की उम्मीद है।
5. सहायक औषधि नियंत्रण कार्यालय के पास बनी बिल्डिंग में ड्रग लैब खुलने की जरूरत है। हालांकि यहां पूर्व में साल 2012-13 में लैब खुलने की घोषणा हुई थी। बिल्डिंग भी तैयार है।
6. स्कूल शिक्षा विभाग के जोधपुर में सभी कार्यालयों को एक स्थान पर संचालित करने के लिए शिक्षा संकुल बनाने की उम्मीद है। जिससे कि अभिभावकों व शिक्षकों को भटकना न पड़े।
7. नवचौकिया अस्पताल को सैटेलाइट बनाने की मांग उठ रही है। तीन लाख की आबादी को इसका सीधा फायदा मिलेगा।
8. पुलिस स्टेशन रातानाडा के लिए बिल्डिंग की आवश्यकता है। थाना वर्षों पुरानी चौकी परिसर में चल रहा है। पुलिस स्टेशन करवड़ के लिए जमीन तो स्वीकृत की जा चुकी है, लेकिन जमीन अब तक नहीं मिल सकी।
9. यातायात पुलिस में नफरी की कमी है। कमिश्नरेट में भी जाब्ते की कमी खल रही है। उसकी पूर्ति के लिए घोषणा की उम्मीद।
10. पुलिस कमिश्नरेट में अधिकारियों को पिछले दिनों नए वाहन उपलब्ध कराए गए थे, लेकिन थानों व पीसीआर वैन कई वर्ष पुराने हैं। बजट में नई गाडिय़ों के साथ ही अन्य संसाधनों की उम्मीद है।

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