जब पूरे प्रदेश में लॉक डाउन कर कोरोना की चेन तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है तो इन खानाबदोश और भिखारियों का ेभी एक सुरक्षित परिसर में रखकर खाने-पीने और रहने की व्यवस्था प्रशासन क्यों नहीं कर रहा। खाने-पीने की वस्तुएं लेने की होड़ में यह खानाबदोश कई लोगों के संपर्क में आ रहे है, ऐसे हालात में यह संक्रमित हो सकते है जिससे लॉक डाउन फेल हो सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में यह लोग कमजोर कड़ी साबित हो सकते है।
यह लोग जहां रहते है वहां स्वच्छता का भी अभाव साफ नजर आता है। खुले में शौच करना ओर रेलवे पटरी के निकट आ रहे पानी से कीचड़ के नाली के निकट नहाना। इनके पहने हुए कपड़ों की स्थिति को काफी खराब है। अधिकतर ने कपड़े कई माह से धोए तक नहीं है।