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कोरोना की लड़ाई में कमजोर कड़ी साबित न हो जाए खानाबदोश, अधिकांश की नहीं हुई है स्क्रीनिंग

locationजोधपुरPublished: Apr 01, 2020 12:43:57 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

कोरोना संक्रमण फैलने पर अंकुश केलिए आमजन लॉक डाउन की परेशानियां झेल रहे हैं। लेकिन शहर में पांच सौ से अधिक खानाबदोश व भिखारी हैं जो सड़क किनारे झोपडिय़ां खुले में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन अधिकतर की अभी तक स्क्रेनिंग नहीं हुई है। इनमें से एक भी संक्रमित निकल गया तो जोधपुर पर भारी पड़ सकता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।

coronavirus can outbreak through nomad people in jodhpur

कोरोना की लड़ाई में कमजोर कड़ी साबित न हो जाए खानाबदोश, अधिकांश की नहीं हुई है स्क्रीनिंग

जोधपुर. कोरोना संक्रमण फैलने पर अंकुश केलिए आमजन लॉक डाउन की परेशानियां झेल रहे हैं। लेकिन शहर में पांच सौ से अधिक खानाबदोश व भिखारी हैं जो सड़क किनारे झोपडिय़ां खुले में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन अधिकतर की अभी तक स्क्रेनिंग नहीं हुई है। इनमें से एक भी संक्रमित निकल गया तो जोधपुर पर भारी पड़ सकता है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। शहर के टाउन हॉल कालटेक्स के निकट, रेलवे स्टेशन रोड, सोजती गेट गणेश मंदिर, ओलम्पिक सिनेमा के निकट, रातानाडा क्षेत्र, न्यू केम्पस रोड आदि क्षेत्रों में खानाबदोश व भिखारी नजर आ जाते हैं। जो संक्रमण से बेपरवाह होकर रह रहे हैं।
अधिकतर के पास न तो मॉस्क है और न ही इनके पास कोई सेनिटाइजर। बच्चों और महिलाओं के साथ यह समूह फुटपाथ पर रहते हैं। इनमें से कोई संक्रमित तो नहीं है इसकी जांच तक नहीं की गई। ऐसे में कोरोना की लड़ाई में यह सबसे कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये बगैर कोई एहतियात बरते आपस में मेलजोल कर खाना-पीना और रहना कर रहे हैं। स्थिति तब विकट हो जाती है जब कोई भामाशाह या समाजसेवी संस्था के पदाधिकारी इन्हें भोजन व अन्य सामग्री का वितरण करने पहुंचते है, उस समय खानाबदोश और भिखारी सोशल डिस्टेंसिंग की सभी हदें पार कर देते हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है।
पत्रिका व्यू – सुरक्षा में सेध
जब पूरे प्रदेश में लॉक डाउन कर कोरोना की चेन तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है तो इन खानाबदोश और भिखारियों का ेभी एक सुरक्षित परिसर में रखकर खाने-पीने और रहने की व्यवस्था प्रशासन क्यों नहीं कर रहा। खाने-पीने की वस्तुएं लेने की होड़ में यह खानाबदोश कई लोगों के संपर्क में आ रहे है, ऐसे हालात में यह संक्रमित हो सकते है जिससे लॉक डाउन फेल हो सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में यह लोग कमजोर कड़ी साबित हो सकते है।
खुले में नहाना ओर खुले में शौच
यह लोग जहां रहते है वहां स्वच्छता का भी अभाव साफ नजर आता है। खुले में शौच करना ओर रेलवे पटरी के निकट आ रहे पानी से कीचड़ के नाली के निकट नहाना। इनके पहने हुए कपड़ों की स्थिति को काफी खराब है। अधिकतर ने कपड़े कई माह से धोए तक नहीं है।
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