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करोड़ों की बिल्डिंग हैंड ओवर के 4 साल बाद तबाह, रिपेयरिंग में फिर होंगे करोड़ों खर्च

4 साल में हमारे घर के मकान जर्जर नहीं होते, बिना काम लिए ही पुन: आ गई रिपेयरिंग की बारी

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करोड़ों की बिल्डिंग हैंड ओवर के 4 साल बाद तबाह, रिपेयरिंग में फिर होंगे करोड़ों खर्च

करोड़ों की बिल्डिंग हैंड ओवर के 4 साल बाद तबाह, रिपेयरिंग में फिर होंगे करोड़ों खर्च

जोधपुर. शहर के झालामंड क्षेत्र में संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यालय में साल 2012-13 में नवीन औषधि प्रयोगशाला खोलने की घोषणा बजट में हुई थी। ये ड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री साल 2018 में जोधपुर के सहायक औषधि नियंत्रक विभाग को हैंड ओवर कर दी गई। चार साल तक लैब स्थापित नहीं हुई। अब लैब शुरू होने की कवायद शुरू हुई तो यहां बिल्डिंग पुन: रिपेयरिंग के कगार पर पहुंच चुकी है। बिल्डिंग के विद्युत पैनल, फर्स्ट, द्वितीय व रूफ आदि क्षेत्र का बुरा हाल हो चुका है। समयबद्ध बिल्डिंग शुरू न होने के चलते इसमें आए हुए उपकरण भी धूल फांक रहे हैं। बिल्डिंग की दयनीय हालत को लेकर सहायक औषधि नियंत्रण विभाग ने पीडब्ल्यूडी को पत्र भी लिखे हैं।

करोड़ों रुपए के घोटाले की आशंका

राज्य सरकार के साल 2012-13 के बजट में जयपुर के बाद उदयपुर, बीकानेर व जोधपुर में ड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री शुरू किए जाने की घोषणा हुई थी। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि चार साल में हमारे बने मकान भी इतनी आसानी से रिपेयरिंग नहीं मांगते,आखिर चार साल में ही करोड़ों रुपए की बिल्डिंग पुन: कैसे कार्य मांगने लग गई।

1 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण बन रहे कबाड़झालामंड स्थित सहायक औषधि नियंत्रण कार्यालय में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा के उपकरण आए हुए हैं। फिलहाल ये उपकरण धूल ही फांक रहे है। यहां दवा जांच के लिए एचपीटीएलसी, डिजोल्यूशन सहित कई तरह के उपकरण आए हुए हैं। जबकि इसी परिसर में ड्रग प्रयोगशाला,एंटीबायोटिक दवाइयों के कल्चर जांच के लिए माइक्रोबायोलॉजी जांच कक्ष सहित सभी स्थान मरम्मत मांग रहे है।

छतों की उखड़ी सीलिंग फॉल, टाइल्सें उखड़ रही

पत्रिका टीम ने झालामंड िस्थत ड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री के जाकर हाल देखे। यहां जगह-जगह टाइल्सें उखड़ी पड़ी मिली। कमरों में करोड़ों रुपए के उपकरण धूल फांकते नजर आए। इतना ही नहीं, छतों की सीलिंग फॉल कई जगह से उखड़ी नजर आई। बिजली के पैनल भी जले हुए दिखे।

वर्तमान में कौन करवा रहा रिपेयरिंग, नहीं पताड्रग टेस्टिंग लेबोरेट्री में बल्लियां आदि लगाकर पुन: निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। ये निर्माण कार्य एनएचएम की इंजीनियरिंग विंग करवा रही है या फिर पीडब्ल्यूडी, किसी के पास जानकारी नहीं है। जबकि पूर्व में इस बिल्डिंग को तैयार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने करवाया था। राज्य सरकार ने लैब शुरू करने के लिए कुछ माह पूर्व जोधपुर में एक ड्रग एनालिस्ट भूपेंद्र कुमावत को लगाया था, लेकिन लैब के अभाव में ड्रग एनालिस्ट का कोई सदुपयोग भी नहीं हो रहा।

इनका कहना हैं....

मैं इस बारे में देखूंगा, जो उचित होगा वह कार्य किया जाएगा। वर्तमान में रिपेयरिंग कांट्रेक्टर कर रहा होगा, ये मालूम कर लूंगा।

- राकेश माथुर, एक्सईएन, सिटी जोन,पीडब्ल्यूडी