5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rankhar forest जालोर के रणखार में जंगली गधों की दीपावली , 6 करोड़ खर्च की मंजूरी

गधों के प्राकृतवास विकसित करने के लिए 6 करोड़ खर्च की मंजूरी पश्चिमी राजस्थान में मिलेगा इॅको टूरिज्म को बढ़ावा  

2 min read
Google source verification
Rankhar forest जालोर के रणखार में जंगली गधों की दीपावली , 6 करोड़ खर्च की मंजूरी

Rankhar forest जालोर के रणखार में जंगली गधों की दीपावली , 6 करोड़ खर्च की मंजूरी

जोधपुर. वनविभाग जोधपुर मुख्यालय के अधीन जालोर के रणखार में विचरण करने वाले जंगली गधों के अच्छे दिन आने वाले है। गधों के विचरण क्षेत्र को विकसित करने के लिए राज्य सरकार ने 6 करोड़ की मंजूरी प्रदान की है। जंगली गधों की पसंदीदा घास के मैदान विकसित करने के लिए तीन करोड़ 20 लाख की राशि खर्च कर मैदान विकसित करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

गधों की सुरक्षा के लिए कंजर्वेशन रिजर्व घोषित

दरअसल रणखार गांव का क्षेत्र कच्छ के रण का ही विस्तार है। जालोर जिले के चितलवाना तहसील का गांव रणखार गुजरात सीमा से सटा है जिसमें जंगली गधों का प्राकृतवास करीब 7288.61 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। पूरे क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया जा चुका है। अब संरक्षित क्षेत्र के सीमांकन, बाउण्ड्री पिल्लर्स, सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए वन चौकियां, पानी के बहाव रोकने के लिए डाइक्स निर्माण, वॉटर होल्स और घांस के मैदान विकसित किए जाएंगे। दो वॉच टॉवर्स का निर्माण भी किया जाएगा। जंगली गधों के अलावा कंजर्वेशन क्षेत्र में चिंकारा सहित कई प्रजाति के वन्यजीव बहुतायत में पाए जाने से पश्चिमी राजस्थान में इॅको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

शैड्यूल वन में शामिल है

कच्छ के रण में पाए जाने वाला घुड़खर का वजन लगभग ढाई सौ किलो तक होता है और यह अधिकतम 70 किमी तक रफ्तार से दौड़ सकता है । लुप्तप्राय जीवों में होने से घुड़खर को वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रथम सूची में रखा गया है ।

वन्यजीवों के संरक्षण में मदद

जालोर ज़िले में रणखार में 6 करोड़ की राशि स्वीकृति से लुप्त हो रहे जंगली गधों सहित क्षेत्र के अन्य वन्यजीवों के संरक्षण में मदद मिलेगी। इॅको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

डॉ हेमसिंह गहलोत, निदेशक, वाइल्ड्लाइफ रिसर्च एण्ड कंजर्वेशन सेंटर, जेएनवीयू जोधपुर

चहेते भोजन के लिए बनेंगे मैदान

दुर्लभ जंगली गधे के संरक्षण के लिए रणखार क्षेत्र में सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को विकसित करने का काम शुरू हो गया है। गधों के चहेते भोजन के लिए स्थानीय प्रजाति की घास लाणा के मैदान विकसित होंगे। इसके लिए वनविभाग की तीन हजार हेक्टेयर भूमि व शेष राजस्व भूमि का उपयोग किया जाएगा।

एसआर वेंकटेश मूर्ति, मुख्य वन संरक्षक जोधपुर संभाग

300 से ज्यादा संख्या है जंगली गधों की

7288.61 हेक्टेयर क्षेत्रफल रिजर्व घोषित

3000 हेक्टेयर वनभूमि और शेष राजस्व भूमि में प्राकृतवास

50 से अधिक प्रजातियों का संरक्षण

600 लाख की राशि राज्य सरकार ने की मंजूर

320 लाख रुपए घास के मैदान होंगे खर्च