INDUSTRY--औद्योगिक भूखण्ड़ों पर भूमि कर हटाने की मांग
- लघु उद्योग भारती प्रदेशाध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र

जोधपुर।
लघु उद्योग भारती प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम ओझा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उद्योगों को राहत प्रदान करने के लिए औद्योगिक भूखण्ड़ों पर भूमि कर को हटाने की मांग की। ओझा ने बताया कि सरकार ने 30 मार्च को राज्य में विभिन्न श्रेणियों के भूखण्ड़ों पर भूमि कर लगाया । जिसमें 10 हजार वर्ग मीटर से बड़े औद्योगिक भूखण्डों पर 2 रुपए प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष भूमि कर लगाया है।
वर्तमान में प्रदेश में औद्योगिक भूखण्ड़ों पर कई प्रकार के कर वसूले जा रहे है। भूमि रुपान्तरण की भारी राशि के साथ प्रतिवर्ष इकोनॉमिक रेन्ट वसूला जाता है। रीको द्वारा भी प्रतिवर्ष सेवा शुल्क व इकोनिमिक रेन्ट नियमित रूप से वसूल किया जा रहा है। अब यह नया कर लगाकर कोविड-19 के कारण आर्थिक रूप से परेशान उद्यमियों पर एक और कर लगा दिया गया है।
ओझा ने बताया कि कहने को तो 10 हजार वर्गमीटर से अधिक भूमि पर भूमि कर देय है, लेकिन एक ही नाम से अलग अलग स्थानों पर 10 हजार वर्ग मीटर से कम भूमि है लेकिन इसकी जोड़ 10 हजार वर्गमीटर से अधिक होती है तो छोटे भूखण्ड भी कर के दायरे मे आ जाएंगे। उन्होंने वर्तमान समय में एमएसएमई सेक्टर की स्थिति को देखते हुए भूमि कर हटाने की मांग की।
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