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दिवाली 2019 : ड्राई फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स मिठाइयों का कारोबार, इस बार होगा करोड़ों के पार

locationजोधपुरPublished: Oct 23, 2019 04:29:39 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

दिवाली के मेवों और उससे जुड़ा कारोबार 20 करोड़ रुपए से ज्यादा का होने की उम्मीद, शहर के बाशिंदों में बढ़ रहा है ड्राई फ्रूट्स और इससे बनी मिठाइयों का क्रेज

dry fruits and sweets are in demand on diwali 2019

दिवाली 2019 : ड्राई फ्रूट्स और ड्राई फ्रूट्स मिठाइयों का कारोबार, इस बार होगा करोड़ों के पार

जोधपुर. दिवाली सीजन में ब्लूसिटी के बाजारों में खरीदारों की रौनक नजर आने लगी है। शहर में अब मेवों की खरीदारी का बाजार भी गर्माने लगा है। इस बार बाजार में सूखे मेवों और मेवों से बनी लजीज मिठाइयों की खरीदारी का क्रेज नजर आ रहा है। बाजार के पंडितों का कहना है कि मेवों से मेहमान-नवाजी अब शाही लोगों के साथ आम लोगों की भी पहली पसंद बनती जा रही है। कॉरपोरेट सेक्टर में लोग मिठाई के डिब्बों के साथ-साथ एक दूसरे को ड्राई फ्रूट भी गिफ्ट पैक में दे रहे हैं। लोग धनतेरस, दिवाली व रामा-सामा पर घरों में मेहमानों की ड्राई फ्रूट से मनुहार करते हैं। ऐसे में इस बार दिवाली के मेवों और उससे जुड़ा कारोबार 20 करोड़ रुपए से ज्यादा होने की उम्मीद है। पत्रिका टीम की ओर से शहर के मिठाई कारोबार का जायजा लेने पर यह बात सामने आई।
लुभा रही ड्राई फ्रूट की नई पैकिंग
बाजार का जायजा लेने पर पता चला कि शहर में अपने मेहमानों को सिर्फ ड्राई फ्रूट्स परोसने वाले मेजबानों की तादाद कम नहीं है। क्योंकि आजकल मेहमानों को मिठाइयां परोसने के साथ सूखे मेवे खिलाना भी ट्रेंड बन गया है। शहर के बाजारों में साबुत काजू व डबल फाड़ काजू, छोटी-बड़ी अंजीर, अमरीकन व मोम बादामों की अलग-अलग पैकिंग खरीदारों को लुभा रही है, जिनमें पॉलीथिन पैक व रंगबिरंगे गत्ते पर ड्राई फ्रूट्स सजे हुए हैं। बाजार के पंडितों का अनुमान है कि इस बार इन सूखे मेवे का कारोबार 5 से 6 करोड़ तक हो सकता है। होलसेल मेवा व्यवसायी जुगल शाह व सोहनलाल लोहिया ने बताया कि शहर में पूरे साल आम तौर पर मेवों की खरीद दिवाली और सावे के सीजन में ही होती है। यह कारोबार ग्राहकों और मिष्ठान भंडार की ग्राहकी पर ज्यादा निर्भर करता है।
मेवों निर्मित मिठाई बाजार 15 करोड़ तक
मिठाई व्यापारी गोपीकिशन माहेश्वरी व मिष्ठान भंडार प्रबंधक सुरेश शर्मा के अनुसार जोधपुर में सूखे मेवा परोसने वालों की तुलना में मेवा निर्मित मिठाइयों से खातिर करने का चलन ज्यादा है। खास तौर पर मेवा रोल, काजू कतली, अंजीर कतली, पंचमेवा कतली व पिस्ता रोल लोगों की मुख्य पसंद हैं। जिससे इसका कारोबार 14 करोड़ तक होने की उम्मीद है।
ड्राई फ्रूट्स की मिठाइयां जल्दी खराब नहीं होंती
शहर में धनतेरस से लेकर भाईदूज तक घरों में मेहमान-नवाजी के समय बार-बार मिठाइयों की खरीदारी करने से बचने के लिए लोग एक बार में ही मेवे कीमिठाइयां खरीदते हैं।
जमीन चकरी, तारा-तूरी व कैंडल स्वीट
बरसों पहले दाल बादाम की चक्की को ही मेवा मिठाई में शामिल किया जाता था। बदलते समय के साथ अब जोधपुर के बाजारों में काजू कतली, मेवा रोल व पिस्ता लांैग की डिमांड हो गई हैं। वहीं इन दिनों बाजार में पटाखों के नाम से भी मिठाइयां आ चुकी हैं, जिनका नाम जमीन चकरी, तारा-तूरी व कैंडल मिठाई रखा गया है, इनमें ग्राहकों को नाम के साथ आकर्षित करने के अलावा इनमें ड्राई फ्रूट भी डाले गए हैं।
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