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जोधपुर में होगी अनूठी पहल… हर 100 मीटर पर लगेंगे बिन

locationजोधपुरPublished: Dec 16, 2019 07:08:04 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

-अब ध्यान हम-आपको रखना है कि इनका उपयोग हो
– नगर निगम की वाणिज्यिक व उद्यान क्षेत्र में हर 100 मीटर पर लिटर बिन लगाने की पहल
 

जोधपुर में होगी अनूठी पहल... हर 100 मीटर पर लगेंगे बिन

जोधपुर में होगी अनूठी पहल… हर 100 मीटर पर लगेंगे बिन

जोधपुर.शहर के प्रमुख वाणिज्यिक और सार्वजनिक क्षेत्र में हर 100 मीटर पर डस्ट बिन यानि कि गीला व सूखा कचरा संग्रहण पात्र होने चाहिए। कुछ समय पहले ऐसी व्यवस्था नगर निगम ने की थी। लेकिन इसे हमारी उदासीनता कहें या नगर निगम की लापरवाही कि इनका उपयोग ही बंद हो गया। अब एक बार फिर शहर में हर 50 से 100 मीटर के दायरे में ऐसे ‘डस्टबिन’ लगाने की कवायद हो रही है। सभी मुख्य सफाई निरीक्षकों से इसके लिए सूची भी मांगी गई है।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में इस बार हमारा शहर कुछ खास करने की ठान चुका है। कुछ तैयारी प्रशासन के स्तर पर है तो कुछ कमर हमें भी कसनी है। कई ऐसी बातें हैं जिनमें थोड़ा सा हमारा योगदान शहर को अव्वल बना सकता है। इनमें से एक है गीला और सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहित करने की आदत। आवासीय क्षेत्रों में ऐसे कचरे को एकत्रित करने के लिए वाहन आते हैं। लेकिन सार्वजनिक क्षेत्रों के लिए ऐसे डस्ट बिन एक बार फिर लगाए जा रहे हैं। इनका उपयोग और रखरखाव भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। यदि प्रशासन व हम अपनी जिम्मेदारी निभा लेते हैं तो हम 200 से ज्यादा नम्बर ले पाएंगे।16 से ज्यादा वाणिज्यिक क्षेत्र
हाल में मुख्य सफाई निरीक्षकों को शहर में बड़े 16 वाणिज्यिक क्षेत्रों में इस प्रकार के डस्ट बिन की मांग के लिए प्रारूप दिया गया है। इनमें कमला नेहरू नगर, शास्त्री सर्किल, पावटा सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन के आस-पास, सरदारपुरा बी व सी रोड, सरदार मार्केट, त्रिपोलिया बाजार, स्टेडियम शॉपिंग सेंटर प्रमुख है।10 से ज्यादा सार्वजनिक क्षेत्र
इसी प्रकार जलजोग सर्किल, नेहरू उद्यान, भगत की कोठी सहित अन्य उद्यान व सार्वजनिक क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं जहां भी 100-100 मीटर के दायरे में ऐसे डस्ट बिन लगाए जाने हैं।

पत्रिका व्यू : आदत बदलनी होगी
अभी तक हम सभी प्रकार का कचरा एक साथ ही एकत्रित करते रहे हैं। किसी सार्वजनिक स्थान पर होते हैं तो वहां भी इस प्रकार के कचरे को एक साथ ही फेंकते है। लेकिन अब हमें आदत बदलनी होगी। चाहे घर हो या बाहर, गीले व सूखे कचरे में अंतर समझना होगा और कचरा पात्रों का उपयोग भी इसी लिहाज से करना होगा। घरों में भी दो प्रकार के कचरा पात्र रखने की आदत डालनी होगी।
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