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FARMERS को 300 करोड़ से अधिक का फायदा मिलने की उम्मीद, कैसे, पढि़ए पूरी खबर

- खरीफ एमएसपी में बढ़ोतरी: खरीफ सीजन की फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित- केंद्रीय केबिनेट ने नई एमएसपी को दी मंजूरी

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जोधपुर

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Amit Dave

Jun 12, 2022

file photos

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जोधपुर।
केन्द्रीय केबिनेट ने कृषि मूल्य व लागत आयोग की सिफारिशों को मानते हुए खरीफ सीजन 2022 की फसलों के समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 14 फसलों की 17 वैरायटियों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इसमें विभिन्न फसलों का 92 रुपए से 523 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बढ़ाया है।

जिसमें मूंग का 480 रुपए, मूंगफली का 300 रुपए व बाजरा का 100 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य बढ़ाया है। कृषि विभाग ने जिले में इस खरीफ सीजन में बाजरे का 4.22 लाख, मूंग का 3 लाख, मूंगफली का 1.55 लाख, कपास का 75 हजार व तिल 23 हजार हैक्टेयर में बुवाई लक्ष्य निर्धारित किया है।
ऐसे में, अच्छी मानसून िस्थति में, 3 लाख टन बाजरा, 4.35 लाख टन मूंगफली, 2 लाख टन मूंगफली, 1.50 लाख टन कपास व 12 हजार टन तिल के उत्पादन का अनुमान है। अनुमानित फसल उत्पादन के अनुसार बढ़े हुए समर्थन मूल्य से जिले के किसानों को 300 करोड़ से अधिक का फायदा मिलने का अनुमान है।

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तिलहन व दलहन फसलों के एमएसपी में सर्वाधिक बढ़ोतरी

सरकार ने तिलहन व दलहनी फसलों के समर्थन मूल्य में सर्वाधिक बढ़ोतरी की घोषणा की है। सरकार का तिलहन उत्पादन बढ़ाने व आयात पर निर्भरता घटाने के लक्ष्य के अनुरूप इन फसलों के समर्थन मूल्य में बढोतरी की गई है। जोधपुर जिले में बाजरा, कपास, मूंगफली व मूंग फसल उत्पादकों को बढ़े हुए समर्थन मूल्य का फायदा मिलेगा।

फसल--- घोषित समर्थन मूल्य---- बढ़ोतरी--- बुवाई लक्ष्य--- उत्पादन अनुमान

बाजरा---- 2350----- 100--- 4.22--------------------3.17

मूंगफली--- 5850---- 300--- 1.55---------------------- 4.35

मूंग--- 7755---- 480--- 3.00----------------------1.86

कपास-- 6380---- 355--- 0.75--------------------- 1.50

तिल-- 7830---- 523--- 0.23-----------------------0.12

- बुवाई लक्ष्य व उत्पादन लाख हैक्टेयर में

- घोषित समर्थन मूल्य व बढ़ोतरी रुपए प्रति क्विंटल में
स्त्रोत- कृषि विभाग व भारतीय किसान संघ

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सरकार समर्थन मूल्य घोषित करने के साथ ही समर्थन मूल्य से नीचे फसल बिक्री को प्रतिबंधित करने व फसल खरीद गारंटी कानून बनाए तो ही बढ़े हुए समर्थन मूल्य का लाभ मिल सकेगा, अन्यथा पिछले दो वर्ष से राजस्थान सरकार बाजरे खरीद का प्रस्ताव नहीं भेज रही। जिससे बाजरे का समर्थन मूल्य घोषित होने के बावजूद किसानों को कोई लाभ नहीं मिला।

तुलछाराम सिंवर, प्रदेश मंत्री

भारतीय किसान संघ