यात्री भार बरकरार रखने की कवायद
लॉकडाउन में रोडवेज बसों के चक्के जाम होने एवं बाद में कम संख्या में बसें शुरू करने के बाद भी कोरोना के डर के चलते यात्री भार कम मिलने के चलते रोडवेज को अपेक्षा के अनुरूप यात्री भार नहीं मिल पा रहा था। जिसके चलते कुछ रूटों पर घाटे में चल रही बसों का संचालन बंद तक करना पड़ा। दीपावली पर लोगों का आना-जाना बढ़ा। एक बार फिर जोधपुर डिपो का का यात्री भार बढ़ा। जिसे अब शादियों की सीजन में भी बरकरार रखना डिपो प्रबंधन के लिए चुनौती जैसा होगा।
लॉकडाउन में रोडवेज बसों के चक्के जाम होने एवं बाद में कम संख्या में बसें शुरू करने के बाद भी कोरोना के डर के चलते यात्री भार कम मिलने के चलते रोडवेज को अपेक्षा के अनुरूप यात्री भार नहीं मिल पा रहा था। जिसके चलते कुछ रूटों पर घाटे में चल रही बसों का संचालन बंद तक करना पड़ा। दीपावली पर लोगों का आना-जाना बढ़ा। एक बार फिर जोधपुर डिपो का का यात्री भार बढ़ा। जिसे अब शादियों की सीजन में भी बरकरार रखना डिपो प्रबंधन के लिए चुनौती जैसा होगा।
प्रतिदिन की आय करीब दस लाख
जोधपुर डिपो वर्तमान में 70 बसें विभिन्न रूटों पर संचालित कर रहा है। जिससे उसे करीब दस लाख रुपए की आय हो रही है। दीपावली से पहले डिपो को प्रतिदिन करीब साढ़े सात लाख रुपए की यात्र हो रही थी।
जोधपुर डिपो वर्तमान में 70 बसें विभिन्न रूटों पर संचालित कर रहा है। जिससे उसे करीब दस लाख रुपए की आय हो रही है। दीपावली से पहले डिपो को प्रतिदिन करीब साढ़े सात लाख रुपए की यात्र हो रही थी।
दीपावली पर बढ़ा यात्री भार
दीपावली त्योहार पर लोगों की रोडवेज बसों से आने-जाने की संख्या बढऩे से डिपो का यात्री भार बढ़कर 90-95 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो अभी भी जारी है। शादियों की सीजन में भी इस यात्री भार को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं।
– बी.आर. बेड़ा, मुख्य प्रबंधक, जोधपुर डिपो
दीपावली त्योहार पर लोगों की रोडवेज बसों से आने-जाने की संख्या बढऩे से डिपो का यात्री भार बढ़कर 90-95 प्रतिशत तक पहुंच गया, जो अभी भी जारी है। शादियों की सीजन में भी इस यात्री भार को बरकरार रखने के लिए प्रयासरत हैं।
– बी.आर. बेड़ा, मुख्य प्रबंधक, जोधपुर डिपो