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कोड भाषा में भ्रूण जांच का काला कारोबार, अब मुखबिर अलर्ट

locationजोधपुरPublished: May 06, 2022 05:14:53 pm

Submitted by:

pawan pareek

भ्रूण जांच अपराध है ,हमारे यहां इसकी जांच नहीं होती , अमूमन हर अल्ट्रासाउंड सेंटर पर यह वाक्य लिखा बोर्ड एवं बैनर पोस्टर देखने को मिल जाते हैं। लेकिन कुछ सेंटरों में इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है।

कोड भाषा में भ्रूण जांच का काला कारोबार, अब मुखबिर अलर्ट

कोड भाषा में भ्रूण जांच का काला कारोबार, अब मुखबिर अलर्ट

मुखबिरों को पचास हजार की जगह मिलेंगे अब तीन लाख

बिलाड़ा (जोधपुर). भ्रूण जांच अपराध है ,हमारे यहां इसकी जांच नहीं होती , अमूमन हर अल्ट्रासाउंड सेंटर पर यह वाक्य लिखा बोर्ड एवं बैनर पोस्टर देखने को मिल जाते हैं। लेकिन कुछ सेंटरों में इसके पीछे की सच्चाई कुछ और ही है।
ऐसे ही कई सेंटर जिले भर में कार्यरत हैं जो भ्रूण जांच करते हैं और इसकी जानकारी कोड वर्ड में देते हैं। चिकित्सा महकमा अब ऐसे संचालकों के खिलाफ सख्ती के मूड में है। राज्य सरकार ने मुखबिरों की प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दी है।

ये हैं दिशा-निर्देश

-कम से कम 3 महीने पहले उन सभी जगहों पर पंजीकरण कराना होगा जहां यूएसजी मशीन, चाहे वह ब्लैक एंड व्हाइट हो या रंगीन डॉपलर मशीन, का उपयोग किया जाना है।

– यह मेडिकल/सर्जिकल नर्सिंग होम/इंटेंसिव कार्डिएक केयर यूनिट पर लागू होता है और जहां कहीं भी यूएसजी मशीन का उपयोग किया जाता है। यह पंजीकरण अनिवार्य है।

-उस विशेष केंद्र में पंजीकृत चिकित्सक के अलावा कोई भी चिकित्सक वहां स्थापित मशीन का उपयोग नहीं कर सकता है। अन्य योग्य चिकित्सक उपयुक्त प्राधिकारी (एए) को सूचित करने के बाद ही उस केंद्र में मशीन का उपयोग कर सकते हैं।
-किसी भी प्रकार का विज्ञापन प्रतिबंधित है और अधिनियम के तहत 1 लाख रुपए तक के जुर्माने और/या 5 साल के कारावास के साथ दंडनीय है।


पांच गुना ज्यादा प्रोत्साहन
लगातार बढ़ते जा रहे लिंगानुपात को रोकने के लिए राज्य सरकार ने भ्रूण ***** परीक्षण करने की सही सूचना देने वाले अपने मुखबिर को दी जाने वाली राशि 50 हजार रुपए से बढ़ाकर अब 3 लाख रुपये कर दिए हैं। ***** जांच करने वाले चिकित्सक व मध्यस्थों को पकड़वाने वाली गर्भवती महिलाओं को एक लाख 50 हजार, सहायक को 50 हजार और मुखबिर को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
इन्होंने कहा

राज्य सरकार के निर्देशानुसार चिकित्सा विभाग लिंगानुपात को रोकने के लिए गंभीर है और अब जब मुखबिरों के लिए इनाम राशि कई गुना अधिक बढ़ा दी गई है तो मुखबिरों की संख्या भी जिले में बढ़ेगी।
बलवंत मंडा, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जोधपुर
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