कोर्ट ने उन्हें पुलिस कस्टडी में किसी भी निजी अस्पताल में अपने खर्चे पर सर्जरी करवाने की छूट दी है। न्यायाधीश पीके लोहरा ने मलखानसिंह की ओर से दायर अपील की सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
अपीलार्थी ने ट्रायल कोर्ट की ओर से गत 6 जुलाई को अंतरिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के आदेश के खिलाफ अपील पेश की थी। अपीलार्थी के अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने कोर्ट को बताया कि एक आरोपी को चिकत्सकीय सुविधा प्राप्त करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
अपीलार्थी को पथरी है। इसके अलावा हर्निया का ऑपरेशन कराने के बाद भी दर्द कम नहीं हुआ है। उसे अपने खर्च पर सर्जरी करवाने के लिए 12 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी जाए। सीबीआइ के विशिष्ट लोक अभियोजक पन्नेसिंह रातड़ी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपीलार्थी ने पूर्व में भी पुलिस कस्टडी में हर्निया का ऑपरेशन करवाया था।
इसके लिए अंतरिम जमानत देना उचित नहीं होगा।