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गांधी को समझने के लिए गांधी को जीना होगा

locationजोधपुरPublished: Dec 22, 2019 04:36:37 pm

Submitted by:

pawan pareek

जोधपुर. गांधी को समझने के लिए हमें गांधी को जीना होगा। उन्हें अपने में संजोना होगा। गांधी के आदर्शों को अपनाना होगा। यही हमारी गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

Gandhi story in Gandhi Bhavan

गांधी को समझने के लिए गांधी को जीना होगा

जोधपुर. गांधी को समझने के लिए हमें गांधी को जीना होगा। उन्हें अपने में संजोना होगा। गांधी के आदर्शों को अपनाना होगा। यही हमारी गांधी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। प्रसिद्ध गांधीवादी चिन्तक, विचारक नई दिल्ली की डॉ. शोभना राधाकृष्ण ने शनिवार को यहां गांधी भवन सभागार में ‘गांधी कथा’ प्रस्तुत की।

गांधीभवन में गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र व ग्रामीण विज्ञान विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. शोभना ने कहा कि गांधी हर परिस्थिति में सकारात्मक रहते थे। उनकी ईश्वर में अटूट आस्था व विश्वास था। गांधी हर काम को ईश्वर का दिया हुआ मानकर करते थे। यही वजह थी कि वे सभी को बराबर मानते थे।
महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा यह वर्ष उनकी पत्नी कस्तूरबा का भी 150वां जयंती वर्ष हैं। गांधी के जीवन में कस्तूरबा का बहुत बड़ा योगदान है। कथा के दौरान गांधी के अजमेर व बिजौलिया आदि स्थानों पर हुए दौरों का भी जिक्र किया। रवि चौपड़ा के निर्देशन में आयोजित इस कथा से पूर्व डॉ. पद्मजा शर्मा ने डॉ. शोभना राधाकृष्ण का परिचय दिया।
मानद सचिव भावेंद्र शरद जैन के संचालन में आयोजित इस गांधीकथा के आरंभ में गांधी के भजनों ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये ’ प्रस्तुत किया गया। अंत में कथावाचक को नेमिचंद्र जैन ‘भावुक‘ के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक भेंट कर सम्मान किया गया। अध्यक्षता आशा बोथरा ने की।
इस दौरान जोधपुर के संगीतज्ञ डॉ. सुनील कुमार पारीक व उनके सहयोगी शाहरूख ने गांधी के प्रिय भजनों की प्रस्तुति दी। इस मौके शशि त्यागी, गिरधारीलाल बाफना, शहर काजी मो. तैय्यब अंसारी, देवेन्द्रनाथ मोदी, गीता-हेना भट्टाचार्या, डॉ.ओ.पी. टाक, धर्मेश रूटिया आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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