जोधपुर स्थित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार के बोरानाडा कोविड सेंटर में 30 मई से 30 जून तक परीक्षण शुरू किया गया। इसके लिए 18 से 60 वर्ष की आयु के 40 मरीजों का चुनाव किया गया। मरीजों को केवल आयुर्वेदिक उपचार दिया गया। गिलोय की 500 मिलीग्राम की टेबलेट सुबह-शाम दी गई। कोरोना पॉजिटिव मरीज 3 से लेकर 7 दिन में नेगेटिव आ गए, लेकिन गिलोय का असर देखने के लिए एक महीने तक टेबलेट दी गई। इसके साथ-साथ मरीजों के लीवर, किडनी, हार्ट सहित अन्य फिजियोलॉजिकल टेस्ट किए गए। गिलोय का कोई भी साइड इफैक्ट नहीं मिला।
एलोपैथी की दवाइयों में सामान्यत: एक ही कम्पोनेंट होता है जो इफैक्ट या साइड इफैक्ट दिखाता है लेकिन आयुर्वेदिक दवाइयों में पूरी जड़ी-बूटी इस्तेमाल होने से इसमें कई कम्पोनेंट आ जाते हैं। गिलोय में मौजूद कौनसा कम्पोनेंट कोरोना वायरस से लड़ रहा था, इस अब शोध की उम्मीद है।
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गिलोय का कोविड-19 पर हमारा शोध सफल रहा। हम अपने शोध पत्र को किसी अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित करेंगे। – प्रो अभिमन्यु कुमार सिंह, कुलपति, डॉ. एसआरएस राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर