जोधपुर को एक दिन पानी पिला सके उतना नदी में बहाना होगा, जानिए क्या है प्रमुख कारण
कुड़ी हौद तक पहुंचाने का काम आगामी दो माह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद रीको से एमओयू के तहत पानी आगे कांकाणी औद्योगिक क्षेत्र या अन्य उद्योगों के उपयोग में लेना है।

अविनाश केवलिया/जोधपुर. यह बात शायद आश्चर्यजनक लगे, लेकिन सत्य है कि शहर को एक दिन पानी पिलाने जितना भूजल नदी में बहाना पड़ेगा। हमारे शहर में राइजिंग भूजल की समस्या का समाधान करने के लिए जो प्रोजेक्ट बना उसको इंडस्ट्री के उपयोग के लिए दिया जाना था। लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा और प्रोजेक्ट के अनुसार पूरा 15 एमएलडी पानी जोजरी नदी में जाएगा। फिलहाल भूजल के आधे पॉइंट जोड़ दिए गए हैं।
जोधपुर में पिछले लम्बे समय से कई जोन में राइजिंग भूजल एक बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए कई सर्वे और डीपीआर बनी। इसके बाद पीएचइडी प्रोजेक्ट विंग ने प्रोजेक्ट को अंतिम चरण तक पहुंचाया है। इसके तहत 100 से ज्यादा भूजल निकासी के पॉइंट में से 69 पॉइंट्स के भूजल के पाइप लाइन के जरिए जोजरी नदी कुड़ी हौद तक ले जाया जा रहा है। अभी 50 प्रतिशत पानी यानि सात एमएलडी (70 लाख लीटर प्रतिदिन) नदी में बहाया जा रहा है। दो माह में यह संख्या 150 लाख लीटर प्रतिदिन होगी। इसी पानी को उद्योगों के काम में लेना है।
क्या है भूजल समस्या
जोधपुर जिला प्रदेश के डार्क जोन में शामिल है। लेकिन पावटा, रातानाडा व भीतरी शहर के तीन जोन सहित अन्य क्षेत्रों में राइजिंग भूजल की समस्या बनी हुई है। अभी पीएचइडी की ओर से 100 से ज्यादा स्थानों पर पम्प लगाकर पानी बाहर निकाला जा रहा है। जिससे 33 एमएलडी पानी भूजल के रूप में उत्सर्जित किया जाता है। इसमें से 17-18 एमएलडी को घरों में ट्यूबवेल के जरिये पीएचइडी सप्लाई करता है, जो पेयजल के लिए नहीं है। इसके अलाव 15 एमएलडी पानी को पाइप लाइन के जरिये उद्योगों को उपलब्ध करवाने के लिए यह प्रोजेक्ट बना है।
एक नजर में प्रोजेक्ट
- 100 से ज्यादा पॉइंट जहां से भूजल को पम्प लगाकर निकाला जा रहा है।
- 69 कुल पॉइंट्स को इस प्रोजेक्ट में जोड़ा गया है।
- 15 एमएलडी कुल भूजल पाइप लाइन के जरिए जोजरी नदी कुड़ी हौद तक पहुंचेगा।
- 45 पॉइंट अब तक जोड़ दिए गए हैं।
- सात एमएलडी पानी वर्तमान में नदी में बहाया जा रहा है।
अब आगे क्या
कुड़ी हौद तक पहुंचाने का काम आगामी दो माह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद रीको से एमओयू के तहत पानी आगे कांकाणी औद्योगिक क्षेत्र या अन्य उद्योगों के उपयोग में लेना है।
इनका कहना...
इस प्रोजेक्ट में कई पॉइंट्स जोड़ दिए गए हैं। लेकिन अभी भी शहरी क्षेत्र में कुछ परेशानी आ रही है। जल्द ही काम पूरा कर देंगे।
- निर्मलसिंह कच्छवाह, अधीक्षण अभियंता पीएचइडी प्रोजेक्ट
इनका कहना...
रीको ने हमें इस पानी के उद्योगों के उपयोग के लिए डीपीआर बनाने को कहा था। जिसे जल्द ही बनाकर दिया जाएगा। इसके बाद वे अपने स्तर पर प्रोजेक्ट की स्वीकृति लेंगे।
- दिनेश पेडीवाल, अधीक्षण अभियंता, पीएचइडी शहर
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