1961 के बाद गुरु शनि की युति
ग्रह गोचर में पुष्य नक्षत्र के स्वामी व उप स्वामी अर्थात गुरु की युति छह दशक बाद बन रही है । यह युति पूर्व में 1961 में बनी थी, हालांकि यहां पर गणना नक्षत्र के स्वामियों के संबंध में की जा रही है। इस दृष्टि से इनकी युति का यह समय तकरीबन 60 वर्ष बाद बन रहा है ।
ग्रह गोचर में पुष्य नक्षत्र के स्वामी व उप स्वामी अर्थात गुरु की युति छह दशक बाद बन रही है । यह युति पूर्व में 1961 में बनी थी, हालांकि यहां पर गणना नक्षत्र के स्वामियों के संबंध में की जा रही है। इस दृष्टि से इनकी युति का यह समय तकरीबन 60 वर्ष बाद बन रहा है ।
इन पर रहेगा खास प्रभाव
शनि तथा बृहस्पति से संबंधित क्षेत्र एवं इनसे जुड़े उद्योग धंधा या व्यापार व्यवसाय सेवा कार्य आदि से संबंधित क्षेत्रों में विशेष परिवर्तन भी होगा। साथ ही इनसे जुड़े सभी प्रकार के उपक्रम जैसे शनि के संबंध से देखें तो शनि इंश्योरेंस मोटर व्हीकल रजिस्ट्री दीर्घकालिक निवेश की योजना आकस्मिक लाभ की स्थिति, सरिया, सीमेंट की एजेंसी, उद्योग में निवेश की स्थिति, पेट्रोकेमिकल या ओएनजीसी से जुड़े अन्य उपकरणों पर निवेश तथा कपड़ा लकड़ी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स आदि पर प्रभाव माना गया है।
शनि तथा बृहस्पति से संबंधित क्षेत्र एवं इनसे जुड़े उद्योग धंधा या व्यापार व्यवसाय सेवा कार्य आदि से संबंधित क्षेत्रों में विशेष परिवर्तन भी होगा। साथ ही इनसे जुड़े सभी प्रकार के उपक्रम जैसे शनि के संबंध से देखें तो शनि इंश्योरेंस मोटर व्हीकल रजिस्ट्री दीर्घकालिक निवेश की योजना आकस्मिक लाभ की स्थिति, सरिया, सीमेंट की एजेंसी, उद्योग में निवेश की स्थिति, पेट्रोकेमिकल या ओएनजीसी से जुड़े अन्य उपकरणों पर निवेश तथा कपड़ा लकड़ी और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स आदि पर प्रभाव माना गया है।