गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने इस मामले में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाया था। गोडावण की घटती संख्या को देखते हुए आठ वर्ष पहले सरकार ने इनके संरक्षण की परियोजना बनाई थी।
इसके दो वर्ष बाद फण्ड आने के बावजूद राज्य पक्षी गोडावण की संख्या ढाई सौ से घटकर 60-70 ही रह जाने पर कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई। खंडपीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार के संजीत पुरोहित और राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह को नोटिस जारी कर 25 जनवरी तक जवाब तलब किया है।