न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी की एकलपीठ ने यह आदेश जोधपुर जिला निवासी एक नाबालिग छात्रा की ओर से पिता के माध्यम से दायर याचिका निस्तारित करते हुए दिए। कोर्ट ने 5 सितंबर को डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज (dr. sn medical college) को मेडिकल बोर्ड से पीडि़ता का स्वास्थ्य परीक्षण करने और मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट (एमटीपी) के तहत इस संबंध में स्पष्ट राय देने को कहा था कि इस स्टेज पर गर्भपात की अनुमति दिया जाना सुरक्षित है या नहीं।
दरअसल, पीडि़ता ने कुछ लोगों पर बलात्कार का मामला दर्ज करवा रखा है। इसे देखते हुए कोर्ट ने पीडि़ता का भू्रण सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में डीएनए टेस्ट की जरूरत हो तो उसकी जांच की जा सके। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डीएलआर व्यास ने पैरवी की।