मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति तथा न्यायाधीश डा.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ ने टैक्स बार एसोसिएशन की याचिका पर दो पारियों में सुनवाई के बाद केंद्र से 12 फरवरी तक विस्तृत प्रत्युत्तर व शपथ पत्र मांगा है। आधिकारिक पोर्टल पर जीएसटीआर 9 तथा जीएसटीआर 9सी रिटर्न अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी थी, लेकिन पोर्टल की तकनीकी सीमितता के मद्देनजर अंतिम तिथि तक लाखों कारोबारी रिटर्न अपलोड नहीं कर पाए। इस पर केंद्र ने एक अधिसूचना जारी कर यह तिथि 5 फरवरी तक बढ़ा दी।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय झंवर ने कोर्ट को बताया कि 3 एवं 4 फरवरी को भी कई अधिवक्ता या कर सलाहकार रिटर्न अपलोड नहीं कर पाए। यहां तक कि अंतिम तिथि बढ़ाने के बावजूद 4 फरवरी तक पोर्टल पर विलंब शुल्क का विकल्प बाध्यकारी था। हालांकि, 5 फरवरी को इसमें अपेक्षित सुधार किया गया।
केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में जीएसटीआर 9 रिटर्न अपलोड करने के लिए 5 लाख 66 हजार 381 कारोबारी पात्र है, जिनमें अब तक 2 लाख 71 हजार 224 कारोबारी रिटर्न अपलोड कर चुके हैं। दो करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए रिटर्न बाध्यकारी है। शेष के लिए वैकल्पिक है। इसी तरह जीएसटीआर 9सी रिटर्न के लिए 64,187 कारोबारी पात्र हैं। इनमें से अब तक 48, 153 रिटर्न अपलोड हो चुके हैं।
केंद्र से पूछा स्टेटस
कोर्ट ने केंद्र सरकार को पोर्टल की क्षमता और प्रणाली को लेकर एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि जहां कानून द्वारा रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख निर्धारित की गई है, राजस्व के लिहाज से निर्धारित अवधि में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। यदि आवश्यकता हो तो सरकार सेवा प्रदात्ता को रिटर्न/फॉर्म स्वीकार करने की क्षमता बढ़ाने का निर्देश भी दे सकती है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार को पोर्टल की क्षमता और प्रणाली को लेकर एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि जहां कानून द्वारा रिटर्न प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख निर्धारित की गई है, राजस्व के लिहाज से निर्धारित अवधि में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। यदि आवश्यकता हो तो सरकार सेवा प्रदात्ता को रिटर्न/फॉर्म स्वीकार करने की क्षमता बढ़ाने का निर्देश भी दे सकती है।