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जोधपुर में बढऩे लगा है ह्यूमन लाइब्रेरी का कल्चर, युवाओं में साहित्य का क्रेज बढ़ा रहे हैं हिमांशु किरण शर्मा

locationजोधपुरPublished: Oct 11, 2019 01:32:31 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

शहर के युवा हिमांशु किरण शर्मा सनसिटी के एकमात्र ऐसे ह्यूमन लाइब्रेरी हैं जो इस प्रकार की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। हिमांशु का कहना है कि डिजिटल वल्र्ड में हमारे पास एक दूसरे के लिए समय नहीं है और कहानी कहने-सुनने का कल्चर भी सीमित होने लगा है।

himanshu kiran sharma is providing service as human library in jodhpur

जोधपुर में बढऩे लगा है ह्यूमन लाइब्रेरी का कल्चर, युवाओं में साहित्य का क्रेज बढ़ा रहे हैं हिमांशु किरण शर्मा

जोधपुर. बॉलीवुड गीत ‘किताबें बहुत सी पढ़ीं होंगी तुमने, मगर कोई चेहरा भी तुमने पढ़ा है…’ आपने सुना ही होगा। अब इसी तर्ज पर ह्यूमन लाइब्रेरी का कॉन्सेप्ट भी प्रचलित होने लगा है। इसमें कोई भी व्यक्ति किसी साहित्य के जानकार या कलाकार को आमंत्रित कर उससे कविता, कहानी या किस्सा आदि बैठकर सुन सकता है। शहर के युवा हिमांशु किरण शर्मा सनसिटी के एकमात्र ऐसे ह्यूमन लाइब्रेरी हैं जो इस प्रकार की सुविधा प्रदान कर रहे हैं। हिमांशु का कहना है कि डिजिटल वल्र्ड में हमारे पास एक दूसरे के लिए समय नहीं है और कहानी कहने-सुनने का कल्चर भी सीमित होने लगा है। इसे रिवाइव करने के लिए उन्हें इस कॉन्सेप्ट पर काम करने का विचार आया।
उम्मेद चौक निवासी हिमांशु को उनके दादा साहित्यविद् पुखराज शर्मा ने साहित्य पढऩे के लिए प्रेरित किया। लिट्रेचर पढऩे पर लगा शहर के युवाओं में पढऩे की रुचि कम है। वहीं कई ऐसे भी युवा हैं जो जानना जरूर चाहते हैं लेकिन पढऩे के लिए समय नहीं निकाल पा रहे या विषय की अधिक समझ और जानकारी में पीछे रह जाते हैं। ऐसे में हिमांशु एक कॉफी कप के बदले उनके रुचि अनुसार विभिन्न साहित्यकारों की रचनाओं को सुनाते हैं। यह कॉन्सेप्ट अब लोगों के बीच पॉपुलर होने लगा है। हिमांशु ने बताया कि अब उनके पास आइआइटी आदि संस्थानों से भी इसके लिए बुलावा आता है और वे वहां युवाओं को साहित्य के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
संगीत से हुई शुरुआत

हिमांशु ने बताया कि उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक रहा है। मुकेश पुरोहित (पी भासा) से संगीत की शिक्षा प्राप्त की। गुरु ने म्यूजिक कॉम्पोजिशन में हाथ आजमाने के लिए कहा। संगीत रचने के लिए गुरु ने साहित्य को पढऩे और समझने के लिए प्रेरित किया। यहां से साहित्य में अधिक रुचि उत्पन्न हुई। अपनी लगन के चलते मात्र 17 वर्ष की आयु में जोधपुर आइडल गीत-संगीत प्रतियोगिता करवाई। जिसका 7वां सीजन गत माह सम्पन्न हुआ है। संगीत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष लालटेन कार्यक्रम का आयोजन करवाया जा रहा है। इसमें शहर के युवा संगीतकार और बैंड्स आकर प्रस्तुतियां दे रहे हैं। साथ ही संगीत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए म्यूजिक स्कूल का संचालन कर रहे हैं।
कैफियत में बसता है साहित्य संसार

शर्मा का कहना है कि शहर में ओपन माइक कल्चर खासा लोकप्रिय हो रहा है। लेकिन ओपन माइक शैली से इतर कैफियत युवाओं को साहित्य से जोडऩे के लिए प्रयासरत है। इसमें स्थापित शायरों और अदीबों को सुनने का मौका दिया जा रहा है। देशभर के प्रख्यात युवा शायर अपने कलाम पढ़ रहे हैं। इसका कॉन्सेप्ट शायर और श्रोताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है। इसमें उनके साथ युवाओं की टीम काम कर रही है। वह शिक्षाविद् भूपेंद्रसिंह राठौड़ को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।
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