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मातृभाषा में बढ़ रहा राइटिंग का क्रेज

locationजोधपुरPublished: Sep 23, 2019 08:09:16 pm

-बढ़ रहे हिंदी में लिखने वाले युवा साहित्यकार व कवि

मातृभाषा में बढ़ रहा राइटिंग का क्रेज

मातृभाषा में बढ़ रहा राइटिंग का क्रेज

जोधपुर. एक वो भी जमाना था जब बड़े कल्चर में लोगों को हिंदी बोलने में शर्म आती थी। इंटरनेशनल लेंग्वेज इंग्लिश में बात करना, इंग्लिश नॉवेल, बुक पढऩे में लोग अपनी शान समझते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। टाइम बदला तो लोगों की सोच भी बदलने लगी। नतीजा यह हुआ कि एक समय युवा पीढ़ी जहां हिंदी लिटरेचर व पोइम्स से दूर होती जा रही थी। अब वहीं युवा पीढ़ी हिंदी लिटरेचर, पोइम्स की दुनिया में न सिर्फ रुचि ले रही है बल्कि अपने कॅरियर को भी इसी दिशा में प्रयास कर रही है। सनसिटी में भी इन दिनों होने वाले साहित्यक इवेंट में हिंदी का प्रचलन जहां बढ़ रहा है वहीं मातृभाषा के प्रति लगाव के चलते वर्तमान में हिंदी लेखक, कवि, कथाकार का कुनबा बढ़ रहा है।
बड़े आयोजन में भी हिंदी का बोलबाला

पहले जहां बड़े घरानों के आयोजन में हिंदी से दूरी बनाई रखी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। सनसिटी में होने वाले बड़े आयोजन में भी लोग हिंदी लिटरेचर व हिंदी कवियों को शान के साथ सुनना पसंद कर रहे हैं। बीते कुछ समय से सिटी में हो रहे इवेंट में हिंदी साहित्य से जुड़े एक से बढ़कर एक आयोजन इस बात का प्रमाण है कि हिंदी का जादू युवाओं पर भी छाने लगा है।
युवाओं की टीम करवा रही इवेंट
शहर में हिंदी साहित्य, कविताओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से युवाओं के कई संगठन भी सक्रिय हैं जो समय-समय पर साहित्यक आयोजन करवाकर हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे उम्रदराज हो चुके कई कवि भी एक नई शुरुआत मानते हैं। हिंदी साहित्य से ही जुड़े लेखक माधव राठौड़ ने बताया कि गूगल पर हिंदी इनपुट में लेखन प्रक्रिया आने के बाद तो हिंदी के प्रति लिखने, बोलने का और ज्यादा रुझान लोगों में पैदा हुआ। अब सनसिटी में दर्जन भर ऐसे संगठन है जो समय-समय पर नामी कलाकारों को अपने इवेंट में बुलाकर हिंदी प्रेमियों को लुभा रहे हैं।
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