सीआरपी टेस्ट में भी केवल पॉजिटिव व नेगेटिव बताया जा रहा है। यहां भी किट के अभाव में मरीजों को वैल्यू नहीं बताई जा रही है। एमजीएच में डी-डीमर टेस्ट नहीं हो रहा है। इस बारे में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. जीएल मीणा से संपर्क साधना चाहा, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई।
इसलिए जरूरी आइएल-6 टेस्ट
कई मरीज कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं। हालत ऐसी होती है कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। इसके अलावा बढ़े हुए सीटी स्कोर और बुजुर्ग मरीजों की भी इससे जांच की जाती है। सही दवा व उपचार न मिलने से कई दफ ा ऐसे मरीज दम तोड़ देते हैं। इस टेस्ट के जरिए पता चल जाता है कि शरीर में संक्रमण का स्तर कितना है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी पता इस टेस्ट के जरिए लगाया जाता है। इसी टेस्ट से कोरोना पिक्चर व निमोनिया का असर भी जाना जाता है। संबंधित दवा व इंजेक्शन से मरीज को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाने से पहले और बाद में भी आइएल-६ जांच की जाती है।
कई मरीज कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं। हालत ऐसी होती है कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है। इसके अलावा बढ़े हुए सीटी स्कोर और बुजुर्ग मरीजों की भी इससे जांच की जाती है। सही दवा व उपचार न मिलने से कई दफ ा ऐसे मरीज दम तोड़ देते हैं। इस टेस्ट के जरिए पता चल जाता है कि शरीर में संक्रमण का स्तर कितना है। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी पता इस टेस्ट के जरिए लगाया जाता है। इसी टेस्ट से कोरोना पिक्चर व निमोनिया का असर भी जाना जाता है। संबंधित दवा व इंजेक्शन से मरीज को ठीक करने का प्रयास किया जाता है। रेमडेसिवीर इंजेक्शन लगाने से पहले और बाद में भी आइएल-६ जांच की जाती है।