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जयपुर में भी मरीज वेंटिलेटर पर, लेकिन मौत नहीं, जोधपुर में क्यों?

locationजोधपुरPublished: Jan 30, 2019 08:52:29 pm

Submitted by:

jitendra Rajpurohit

-चिकित्सा मंत्री का सवाल क्या जोधपुर में क्रिटिकल केयर ठीक नहीं
-जिले के पांच बीसीएमओ को चार्जशीट थमाने के निर्देश

In Jaipur also the patient on ventilator, but not death, why in Jodhpu

जयपुर में भी मरीज वेंटिलेटर पर, लेकिन मौत नहीं, जोधपुर में क्यों?

जोधपुर. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को यहां डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की बैठक में सवाल किया कि जयपुर में भी मरीज वेंटिलेटर पर आते हैं लेकिन इतनी मृत्यु दर नहीं है, जबकि जोधपुर में तो वेंटिलेटर पर आने का मतलब यही है कि आपकी की मौत निश्चित है। चिकित्सा मंत्री ने पूछा कि क्या जोधपुर में क्रिटिकल लेवल पर केयर ठीक नहीं है या फिर कोई अन्य कारण। उन्होंने कहा ये बात मेरे मन में उठी है तो चिकित्सकों में भी इसकी जिज्ञासा रहनी चाहिए।
शर्मा ने बैठक में उपस्थित मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग चिकित्सकों से कहा कि मरीजों को रेजिडेंट व नर्सिंग स्टाफ के भरोसे नहीं छोड़ा जाए। चिकित्सक स्वयं भी उनकी देखभाल करे।
निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस न करें डॉक्टर

चिकित्सा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने मेडिकल कॉलेज चिकित्सकों को निजी अस्पतालों में प्रेक्टिस नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विशेषकर एमजीएच, एमडीएम, उम्मेद व पावटा जिला अस्पताल के चिकित्सक अपना ढर्रा सुधार लें। उन्होंने कहा सरकार के पास सभी की शिकायत है। कोई बाहर का आदमी कार्रवाई करे, इससे पहले अधीक्षक व पीएमओ अपने स्तर पर चिकित्सकों को समझा दें। रेजिडेंट व नर्सिंग स्टाफ पर्चियां लिख बाहर से दवाइयां व सर्जिकल आइटम मंगवा रहे हंै, जो गलत है। चिकित्सक आउटडोर के समय घर जाकर मरीज न देखे। डॉ. शर्मा ने कहा कि ये उनकी विनती, सलाह व चेतावनी है।
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