34 ब्रिज बनेंगे
– टेस्ट के उद्देश्य से 34 छोटे ब्रिज बनेंगे, इनमें से 24 का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 10 का कार्य प्रगति पर है।
– ट्रैक की भूमि पर 8 रेलवे अंडर ब्रिज में से 3 ब्रिज बनकर तैयार।
– ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी। इसमें गुढ़ा में एक हाई स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा। नावां में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा।
यह होंगे परीक्षण
– अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों व गुड्स वैगन का ट्रायल होगा।
– लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक को हाई एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा।
ट्रैक के लिए इसलिए चुनाव
वर्तमान में किसी भी नई ट्रेन या वैगन का ट्रायल रेलवे के चालू ट्रैक पर ही किया जा रहा है। ट्रायल के समय उस ट्रैक पर रेलवे ट्रैफिक को रोकना पड़ता है, जिससे ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। इस परियोजना के लिए गुढा-ठठाणा मीठड़ी क्षेत्र चुनने का प्रमुख कारण यह है कि इस दूरी के बीच पुरानी रेलवे लाइन पहले से बिछी है और रेलवे की पर्याप्त भूमि पहले से ही है, जिसका उपयोग हो सकेगा।
इनका कहना है
नए टेस्ट ट्रैक एरिया में नए कोचों, लोकोमोटिव आदि की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप गुणवत्ता और स्पीड जांची जा सकेगी। इससे ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के भारतीय रेलवे के प्रयासों को गति मिलेगी।
– पंकज कुमार सिंह, डीआरएम, जोधपुर रेल मंडल