टिड्डी उत्तरप्रदेश के झांसी पहुंच चुकी है। आगरा के प्रवेश द्वार पर बैठी है। वहीं मध्यप्रदेश के कई जिलों से होते हुए यह पन्ना टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर गई है जहां हरे-भरे पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रही है। राजस्थान में दक्षिण-पूर्वी जिलों को छोड़कर अधिकांश में टिड्डी ने आक्रमण किया है। मानसून काल में हवा का रुख उत्तरी-पश्चिमी और पश्चिमी बने रहने से टिड्डी लगातार पूर्वी भारत की ओर बढ़ रही है। अब तक राजस्थान, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और उत्तरप्रदेश में टिड्डी पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से भारत के पंजाब में इस सप्ताह फिर टिड्डी प्रवेश की आशंका है इसलिए पंजाब सरकार ने 8 जिलों को अलर्ट पर रखा है।
– श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू व नागौर
– नागौर से जयपुर होते हुए दौसा
– झुंझनूं से सीकर के दाता रामगढ़ होते हुए जयपुर
– श्रीगंगागर से पंजाब का फाजिल्का
– बाड़मेर से जोधपुर
– जैसलमेर से जोधपुर का फलोदी व बाप
– जयपुर, दौसा, करौली, आगरा
– भीलवाड़ा, चितौडगढ़़, राजसमंद
– राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर से गुजरात का पालनपुर
– चितौड़, कोटा, झालावाड़ होते हुए मध्यप्रदेश
– झालावाड़, झाबुआ, रतलाम उज्जैन
– ग्वालियर, भिंड, झांसी
– चूरू व झुंझनूं से हरियाणा का महेंद्र गढ़
सिरसा, फतेहबाद, हिसार, भिवानी, चरखीदादरी, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ (हरियाणा में वर्तमान में केवल राजस्थान से लगते कुछ गांव में ही टिड्डी पहुंची है।) पंजाब के इन जिलों में अलर्ट
भटिंडा, मुक्तसर, फाजिल्का, फरीदकोट, फिरोजपुर अमृतसर, टाटरान, गुरदासपुर (यहां पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से सीधे टिड्डी घुसने की आशंका है।)
‘टिड्डी लगभग उसी रुट से आगे बढ़ रही है, जिस रुट पर वह पिछले साल थी। वह अपने सेंसर से वनस्पति की पहचान कर लेती है।’
– डॉ केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन