राजस्थान हाईकोर्ट ने दोनों मंत्रालयों के सचिवों को दो सप्ताह की मोहलत देते हुए विवाद का हल निकालने के निर्देश दिए थे। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ मेें याचिकाकर्ता रवि लोढ़ा द्वारा दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र के असिस्टेंट सोलिसिटर जनरल संजीत पुरोहित ने कोर्ट को बताया कि हाल ही 5 दिसंबर को दोनों मंत्रालयों के सचिव स्तर की बैठक में यह तय किया गया कि चूंकि रिंग रोड का प्रस्तावित विस्तार नाग तालाब के संवेदनशील संस्थापन के 400 मीटर के दायरे में आ रहा है, लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से रिंग रोड के एलाइनमेंट में अपेक्षित बदलाव किया जाए।
कोर्ट के समक्ष बैठक का कार्यवाही विवरण पेश किया गया, जिसमें इस आशय की सहमति दर्ज थी। नेशनल हाईवे ऑथोरिटी के अधिवक्ता अंकुर माथुर ने बताया कि उच्च स्तर पर हुई निर्णय की अनुपालना में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। खंडपीठ ने हाईवे ऑथोरिटी को एलाइनमेंट में बदलाव की कार्यवाही शीघ्रातिशीघ्र पूरी करने को कहा है। इसी के साथ रक्षा व परिवहन मंत्रालयों के सचिवों को व्यक्तिगत उपस्थिति भी माफ कर दी गई।
जेडीए उठाएगा बिजली लाइन शिफ्टिंग का खर्च
जेडीए की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने कोर्ट को बताया कि महेन्द्र नाथ अरोड़ा सर्किल से पीली टंकी तक तीन लेन सडक़ बिछाने की परियोजना को छह महीने की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य लेकर ही काम किया जा रहा है। इसी के तहत बिजली लाइनों की शिफ्टिंग का कार्य डिस्कॉम के सुपरविजन में जेडीए अपने स्तर पर करवाएगा। इसके लिए डिस्कॉम में सुपरविजन चार्ज जमा करवा दिए गए हैं।
पार्किंग बहाली के लिए क्या किया
कोर्ट ने 4 नवंबर को दिए विस्तृत दिशा-निर्देशों में पार्किंग के अभाव व अन्य उपयोग वाली बहुमंजिला इमारतों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को कहा था। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने जेडीए और नगर निगम के अधिवक्ताओं से अब तक की प्रगति पूछी, जिस पर निगम के अधिवक्ता राजेश पंवार ने बताया कि 21 एवं 23 नवंबर को समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक विज्ञापन प्रकाशित किया गया है, जिसमें पार्किंग की कमी वाली इमारतों के मालिकों को दो सप्ताह में पार्किंग बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस अवधि के बाद पालना नहीं करने वाली इमारतों को सीज करने और दांडिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कोर्ट ने दो सप्ताह में ऐसी इमारतों की सूची पेश करने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने स्वीकृत प्लान में दर्शाई गई पार्किंग की जगह पर अन्य उपयोग कर लिया है। पंवार ने कहा कि कोर्ट के आदेश की पालना में सडक़ों व फुटपाथ पर अतिक्रमण हटाने की नियमित कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।