ईरान में कोरोना का पहला रोगी 19 फरवरी को राजधानी तेहरान से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित पवित्र तीर्थ स्थल कुम में मिला। वहां एक बिजनेसमैन चीन के वुहान से आया था। उस समय जम्मू कश्मीर, लेह, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों से कई भारतीय जियारत करने कुम गए हुए थे। कोरोना आउटब्रेक होने से ईरान ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद कर दी। इस दौरान तेहरान में पढ़ रहे भारतीय मेडिकल छात्र भी अटक गए। भारतीय विदेश मंत्रालय ने विशेष उड़ानों के जरिए 15 मार्च से इन भारतीयों को एयरलिफ्ट किया। ईरान में कोरोना से स्वस्थ हो रहे लोगों की दर 78 प्रतिशत है। वहां 92584 कोरोना रोगियों में से 5877 की मौत हुई है, जबकि 72439 स्वस्थ हो चुके हैं।
जोधपुर व जैसलमेर क्वारेंटाइन कैंप में पिछले डेढ़ महीने से रह रहे 1036 भारतीयों में से 765 को उनके घर भेजा जा चुका है। जोधपुर से 485 जने लेह, 9 दिल्ली, 14 गया, 7 हरिद्वार और 18 जने बेंगलुरू भेजे गए। जैसलमेर कैंप से 232 लोग श्रीनगर स्थित उनके घर भेजे गए।
जैसलमेर व जोधपुर मिलिट्री स्टेशन क्वारेंटाइन सेंटर में वर्तमान में केवल 262 जने हैं। 9 जने एम्स जोधपुर में भर्ती हैं, जिन्हें मई के प्रथम सप्ताह तक छुट्टी दे दी जाएगी। इनके आते ही सेना सभी को एक साथ उनके घर रवाना कर देगी।