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Indo-Pak Border: अभेद्य होगा पश्चिम मोर्चे का सुरक्षा चक्र

locationजोधपुरPublished: Jul 02, 2022 06:25:17 pm

Submitted by:

Suresh Vyas

Indo-Pak Border पर अब Border Security Force, Indian Army और Coast Guard मिलकर काम करेंगे, ताकि पश्चिमी मोर्चे की सुरक्षा को और ज्यादा मजबूत किया जा सके। जोधपुर में हुए सुरक्षा मंथन-2022 में इस पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। इस खास सम्मेलन में BSF DG पंकजकुमार सिंह, Desert Corps कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर व Indian Coast Guard के महानिदेशक वीएस पठानिया भी मौजूद रहे।

Indo-Pak Border: अभेद्य होगा पश्चिम मोर्चे का सुरक्षा चक्र

Indo-Pak Border: अभेद्य होगा पश्चिम मोर्चे का सुरक्षा चक्र

जोधपुर। राजस्थान और गुजरात से सटी पश्चिमी सीमा का सुरक्षा चक्र अभेद्य होगा। इसके लिए भारतीय थल सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारतीय तटरक्षक बल (कोस्ट गार्ड) आपसी समन्वय और साझा रणनीति के तहत मिलकर काम करेंगे, ताकि जमीनी और तटीय सीमाओं को और मजबूत किया जा सके।
थलसेना की डेजर्ट कोर के तत्वावधान में यहां आयोजित विशेष सम्मेलन ‘सुरक्षा मंथन-2022’ में सामरिक तैयारियों के समग्र मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। डेजर्ट कोर के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह व कोस्टगार्ड के महानिदेशक वीएस पठानिया की संयुक्त सदारत में हुए सम्मेलन में तीनों सुरक्षा संगठनों के प्रमुख अधिकारियों ने मौजूदा हालात की समीक्षा की।
होगा संयुक्त अभ्यास

सुरक्षा मंथन के दौरान पाकिस्तान से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा और तटीय क्षेत्रों की समग्र सुरक्षा के साथ-साथ पारस्परिक सहयोग, ऑपरेशनल सामंजस्य और लॉजिस्टिक सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। सुरक्षा बलों के बीच उच्च स्तरीय सामरिक तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त प्रशिक्षण कैलेंडर पर भी चर्चा के दौरान तय किया गया कि तीनों बलों के संयुक्त अभ्यास के दौरान इसे संस्थागत स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
बनेगी ठोस रूपरेखा

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार जमीनी व तटीय सुरक्षा को मौजूदा खतरों और चुनौतियों पर चर्चा के दौरान इसे पारस्परिक सहयोग से निपटने की रणनीति बनाने तथा सक्षम सुरक्षा वातावरण और सामरिक क्षमता बढ़ाने के लिए आपसी सामंजस्य पर जोर दिया गया। सुरक्षा चक्र को और मजबूत बनाने के लिए सेना, बीएसएफ व कोस्ट गार्ड ठोस रूपरेखा बनाकर इस पर काम करेंगे।
इधर रेगिस्तान, उधर दलदल

राजस्थान और गुजरात से लगभग 1570 किलोमीटर लम्बी सीमा पाकिस्तान से सटी है। इसमें राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों के अलावा बाड़मेर के आगे गुजरात के कच्छ में रेगिस्तान और इसके आगे क्रीक इलाके में दलदल वाली तटीय सीमा है। दोनों ही राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थितियां सीमा प्रहरियों के लिए चुनौतीपूर्ण बनी रहती है, लेकिन सजग निगाहों की बदौलत सीमा पार से होने वाली हर नापाक हरकत को मुंह तोड़ जवाब मिलता है। सीमा की चौकसी का जिम्मा बीएसएफ के पास है। बीएसएफ के जवान सरक्रीक के इलाके में भी सरहद के निगेहबां हैं तो क्रीक के आगे कोस्टगार्ड सक्रिय भूमिका निभाता है। जानकारों का कहना है कि अब बीएसएफ-कोस्ट गार्ड के साथ सेना का समन्वय समूचे पश्चिमी मोर्चे का सुरक्षा घेरा और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
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