श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलने के बाद विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासी मजदूर आना शुरू हुए है। अब तक करीब 20 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक आए है और अभी आ रहे है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि कोरोना के भय से यहां रह रहे मजदूर ही नहीं आ रहे है, तो बाहर से आए इन प्रवासियों को रोजगार के लिए फैक्ट्री तक लाना भी टेढी खीर है।
जिले में करीब डेढ लाख लोगों को मनरेगा से जोड़ा गया है। इन लोगों को विभिन्न उद्योगों की कार्यशैली के अनुसार आधारभूत प्रशिक्षण देकर व तैयार कर उद्योगों से जोड़ा जा सकता है। वहीं जिला प्रशासन ने रोजगार व उद्योगों को पटरी पर लाने के लिए 27 वृहद् उद्योगों को शुरू होने का दावा किया है, जिनसे करीब 8 हजार लोगों को रोजगार मिलने की बात कही है।
लॉकडाउन के बाद विभिन्न प्रदेशों से राजस्थान लौटे प्रवासी श्रमिकों और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लघु उद्योग भारती की ओर से पहल की गई है। भारती की ओर से वेबसाइट लांच की गई है। वेबसाइट पर अब तक 400 से अधिक प्रवासी श्रमिकों ओर स्थानीय युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने बताया कि श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लघु उद्योग भारती ने वेबसाइट लांच की थी। वेबसाइट पर अब तक 425 आवेदक आवेदन कर चुके है । स्वरोजगार शुरू करने वाले आवेदकों को न्यूनतम ब्याज पर ऋ ण दिलाने के लिए राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक से संपर्क किया गया है। जिला उद्योग केंद्र से भी राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से इन आवेदकों को लाभान्वित करने के लिए भी वार्ता की गई है।