पिछले साल जुलाई-अगस्त में १० हजार रोगी सामने आए
गत वर्ष जुलाई-अगस्त माह में संक्रमण ने गति पकड़ी थी और सितंबर-नवंबर माह में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया था। गत वर्ष के जुलाई माह में ४०५८ रोगी संक्रमित निकले और इस माह में ४२ मौतें हुई थीं। जुलाई माह से ही जोधपुर में सौ कोरोना संक्रमित सामने आना आम बात हो गई थी। वहीं अगस्त माह में ६०४५ जने संक्रमित हुए और ७४ मौतें हो गई थी। कुल मिलाकर इन दो माह में ११६ मौतें हो गई थी।
गत वर्ष जुलाई-अगस्त माह में संक्रमण ने गति पकड़ी थी और सितंबर-नवंबर माह में कोरोना ने हाहाकार मचा दिया था। गत वर्ष के जुलाई माह में ४०५८ रोगी संक्रमित निकले और इस माह में ४२ मौतें हुई थीं। जुलाई माह से ही जोधपुर में सौ कोरोना संक्रमित सामने आना आम बात हो गई थी। वहीं अगस्त माह में ६०४५ जने संक्रमित हुए और ७४ मौतें हो गई थी। कुल मिलाकर इन दो माह में ११६ मौतें हो गई थी।
जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोरोना में सीजन का बहुत ज्यादा वेरिएशन नहीं रहता। लेकिन संभावना है कि बारिश की सीजन में संख्या बढऩे के आसार है। बहुत ज्यादा केसेज नहीं देखने को मिलेंगे। कोरोना अभी हल्का-फुल्का चलता रहेगा। अनलॉक हुआ है तो अब कोरोना बढ़ेगा। अब एेसी पॉप्यूलेशन चपेट में आएगी, जो कोरोना से बचे हुए थे। वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले लोग भी चपेट में आएंगे।
– डॉ. विभोर टाक, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एम्स जोधपुर
कोरोना में सीजन का बहुत ज्यादा वेरिएशन नहीं रहता। लेकिन संभावना है कि बारिश की सीजन में संख्या बढऩे के आसार है। बहुत ज्यादा केसेज नहीं देखने को मिलेंगे। कोरोना अभी हल्का-फुल्का चलता रहेगा। अनलॉक हुआ है तो अब कोरोना बढ़ेगा। अब एेसी पॉप्यूलेशन चपेट में आएगी, जो कोरोना से बचे हुए थे। वैक्सीनेशन नहीं कराने वाले लोग भी चपेट में आएंगे।
– डॉ. विभोर टाक, एसोसिएट प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एम्स जोधपुर