scriptभगवान की प्रतिमाओं को आकार देने वाले संकट में | jai ganesh | Patrika News

भगवान की प्रतिमाओं को आकार देने वाले संकट में

locationजोधपुरPublished: Aug 08, 2020 07:56:16 pm

Submitted by:

Om Prakash Tailor

जोधपुर में हर साल स्थापित होती है पांच हजार गणपति प्रतिमाएंकोरोना के कारण इॅको फ्रेंडली कारीगरों को भी नहीं मिल रहा मूर्तियों का भी ऑर्डर

भगवान की प्रतिमाओं को आकार देने वाले संकट में

भगवान की प्रतिमाओं को आकार देने वाले संकट में

जोधपुर. बुद्धि और ज्ञान के देवता विघ्न विनाशक प्रथम पूज्य भगवान गणेश के जन्मोत्सव के लिए मिट्टी की गणपति प्रतिमाओं के निर्माता के परिवार कोरोना के कारण आर्थिक संकट झेलने को मजबूर है। इस बार २२ अगस्त से १ सितम्बर तक मनाए जाने वाले गणपति उत्सव के लिए जोधपुर के कारीगरों की ओर से निर्मित किए जाने वाले इॅको फ्रेंडली गणपति प्रतिमाओं का निर्माण कार्य बंद है। नाम मात्र मूर्तिकारों के पास पिछले साल की तुलना में ५ प्रतिशत भी ऑर्डर नहीं मिला है। कोरोना संक्रमण के कारण धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी के चलते गणपति की मूर्तियां बनाने वाले अधिकांश बंगाली कारीगर जोधपुर से पलायन कर चुके हैं। जोधपुर के नेहरू पार्क के पीछे स्थित दुर्गा बाड़ी में हर साल गणेश चतुर्थी से एक माह पूर्व बंगाली कारीगरों की ओर से निर्मित की जाने वाली इको फ्रेंडली मूर्तियां इस बार नहीं बन रही है । पूरा दुर्गाबाड़ी परिसर इन दिनों वीरान पड़ा है। बुजुर्ग बंगाली कारीगरों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन के कारण इको फ्रेंडली प्रतिमाओं के लिए कोलकाता से गंगा किनारे की पवित्र मिट्टी तक नहीं लाई जा सकी है। दुर्गाबाड़ी में निर्मित इॅको फ्रेंडली मूर्तियां जोधपुर संभाग के विभिन्न जिलों के साथ सेना की अलग अलग यूनिटों में भी पूजन के लिए तैयार की जाती है। लेकिन इस बार कोई ऑर्डर नहीं मिला है।

इॅको फ्रेंडली मूर्तियां बनाने वाले भी संकट में

सिवांची गेट प्रताप नगर रोड भीखा प्याऊ बावरी बस्ती के मूर्तिकार शंकर चौहान ने बताया कि उनका पूरा समाज और परिवार पीढि़यों से गणपति की मूर्तियां बना रहा है। पहले प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्तियों के प्रतिबंध के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। प्रशासन के आदेश के बाद हमने पीओपी मूर्ति बनाना बंद कर इॅको फ्रेंडली मूर्तियां बनानी शुरू की थी। लेकिन इस बार कोरोना के कारण पूरे परिवार का लालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोगों ने फोन पर ऑर्डर बुक कराए है। सरकार को पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मूर्तिकारों के लिए कुछ विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। गणपति पूजन के लिए इस बार छोटी मूर्तियों की मांग होगी या नहीं इस बारे में कुछ तय नहीं है।

जोधपुर में हर साल होती है 5000 मूर्तियां विसर्जित
गणपति महोत्सव के दौरान अनंत चतुर्दशी को जोधपुर के गुलाब सागर सहित विभिन्न जलाशयों में छोटी और बड़ी गणपति 5000 मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। हर साल गणपति महोत्सव में शहर के हर गली मोहल्ले कॉलोनियों और विभिन्न समाज की ओर से गणपति उत्सव मनाया जाता है। लेकिन कोरोनाकाल के कारण यह उत्सव इस बार नहीं हो सकेंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो