इॅको फ्रेंडली मूर्तियां बनाने वाले भी संकट में
सिवांची गेट प्रताप नगर रोड भीखा प्याऊ बावरी बस्ती के मूर्तिकार शंकर चौहान ने बताया कि उनका पूरा समाज और परिवार पीढि़यों से गणपति की मूर्तियां बना रहा है। पहले प्लास्टर आफ पेरिस की मूर्तियों के प्रतिबंध के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। प्रशासन के आदेश के बाद हमने पीओपी मूर्ति बनाना बंद कर इॅको फ्रेंडली मूर्तियां बनानी शुरू की थी। लेकिन इस बार कोरोना के कारण पूरे परिवार का लालन पोषण करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोगों ने फोन पर ऑर्डर बुक कराए है। सरकार को पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मूर्तिकारों के लिए कुछ विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। गणपति पूजन के लिए इस बार छोटी मूर्तियों की मांग होगी या नहीं इस बारे में कुछ तय नहीं है।जोधपुर में हर साल होती है 5000 मूर्तियां विसर्जित
गणपति महोत्सव के दौरान अनंत चतुर्दशी को जोधपुर के गुलाब सागर सहित विभिन्न जलाशयों में छोटी और बड़ी गणपति 5000 मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। हर साल गणपति महोत्सव में शहर के हर गली मोहल्ले कॉलोनियों और विभिन्न समाज की ओर से गणपति उत्सव मनाया जाता है। लेकिन कोरोनाकाल के कारण यह उत्सव इस बार नहीं हो सकेंगे।