विरोध प्रदर्शन के बाद बैकफुट पर आया जेएनवीयू
जेएनवीयू ने अब राज्य सरकार के पाले में डाली गेंद

जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की ओर से तीन फरवरी को आयोजित सिण्डीकेट बैठक में शिक्षक भर्ती 2012-13 के चयनित 111 असिस्टेंट प्रोफेसर्स में से 105 के स्थायीकरण (कंफर्मेशन) की फाइल अब राज्य सरकार को भेजी जाएगी। विवि की सिण्डीकेट ने तो इनकी नौकरी पक्की कर दी। साथ ही इनका स्थायीकरण हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रख दिया था। लेकिन हाल ही में विवि में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद विवि ने यह गेंद अब राज्य सरकार के पाले में डाल दी है।
विवि में 2012-13 में हुई शिक्षक भर्ती में 154 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति हुई थी। प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर का प्रोबेशन पीरियड 1 साल का होता है। उन्हें 2014 में ही नियमित कर दिया गया। असिस्टेंट प्रोफेसर का प्रोबेशन पीरियड 2 साल था लेकिन इनकी नियुक्ति पर सवाल उठने से 2015 के बाद जेएनवीयू के किसी भी कुलपति ने इनकी नियुक्ति को कंफर्म नहीं किया। जेएनवीयू सिंडिकेट ने सप्लीमेंट्री एजेंडा आइटम लाकर शिक्षकों को स्थाई कर दिया। इसमें बर्खास्त के बाद बहाल हुए २८ शिक्षक भी शामिल हैं।
सिंगल बैच का दिया हवाला, डबल बैंच ने पलट दिया
जेएनवीयू प्रशासन के समक्ष कुछ शिक्षकों ने हाईकोई की सिंगल बैंच के आदेश का हवाला देते हुए खुद को स्थाई करने की बात रखी थी और विवि ने उनकी बात मानकर उनको सिण्डीकेट में स्थाई कर दिया, जबकि सिंगल बैंच के आदेश को डबल बैंच ने पलट दिया था, जिसे विवि शिक्षकों ने छिपा लिया और तो और सिण्डीकेट ने इस मुद्दे पर कानूनी राय लेना भी जरुरी नहीं समझा।
डॉ हरीश जनागल, कोषाध्यक्ष, जेएनवीयू शिक्षक भर्ती संघर्ष समिति
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