बेर की झाडिय़ों से काजरी का उद्यानिकी प्रभाग लहलहा रहा है। बेर की कुल 46 वैरायटी में से 40 वैरायटी काजरी ने लगाई है। इसमें एक चौथाई वैरायटी गोला की है जो जोधपुर में सबसे अधिक पंसद किया जाता है। इसका आकार भी बड़ा होता है। बेर में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स जैसे पोषक तत्व होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से यह घाव को जल्दी भरने में भी मददगार होता है।
काजरी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अख्तसिंह ने बताया कि बेर के टीएसएस (टोटल सोल्यूबल शुगर) से उसके मीठेपन का निर्धारिण होता है। बेर की इलायची वैरायटी सबसे अधिक मीठी है। इसकी टीएसएस 27 है। जिनका रंग हरा व छोटा होने के बावजूद यह अत्यधिक मीठे हैं। यह जनवरी के अंत तक पकेगा। गोला का टीएसएस 22.5 है जो थोड़ा कम है।
50 लाख टन बेर का उत्पादन हुआ काजरी में
50 वैरायटी लगाई है इस साल
5 वैरायटी अत्यधिक प्रचलित है
100 किलो बेर होता है गोला की प्रति झाड़ी से
40 किलो बेर होता है उस्मान वैरायटी की एक झाड़ी से
इस बार कड़ाके की सर्दी और लंबी अवधि तक ठण्ड रहने की वजह से बेर अच्छा खासा हुआ है। अगर तापमान में बढ़ोतरी हो जाती तो बेर जल्दी पककर गिर जाते।
डॉ. पीआर मेघवाल, प्रधान वैज्ञानिक, काजरी जोधपुर