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बेरियों से उतर बाजार में आए ‘काजरी’ के फेमस बेर, टेक्नोलॉजी पार्क में पैदा हुए 40 वैरायटी के बेर

locationजोधपुरPublished: Jan 24, 2020 03:15:51 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

मानसून की अच्छी बारिश के बाद इस बार लंबी अवधि तक कड़ाके की सर्दी रहने से केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में बेर की भरपूर पैदावार हुई है। काजरी के टेक्नोलॉजी पार्क में 50 टन बेर हुए हैं। विशेष बात यह है कि बेर की 40 वैरायटी पैदा की गई है।

jodhpur carzi produced 40 variety of ber in its technology park

बेरियों से उतर बाजार में आए ‘काजरी’ के फेमस बेर, टेक्नोलॉजी पार्क में पैदा हुए 40 वैरायटी के बेर

गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. मानसून की अच्छी बारिश के बाद इस बार लंबी अवधि तक कड़ाके की सर्दी रहने से केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में बेर की भरपूर पैदावार हुई है। काजरी के टेक्नोलॉजी पार्क में 50 टन बेर हुए हैं। विशेष बात यह है कि बेर की 40 वैरायटी पैदा की गई है। इसमें गोला व सेब वैरायटी की प्रमुखता है। अत्यधिक उत्पादन के बाद काजरी ने मुख्य द्वार के बाहर इनकी बिक्री भी शुरू कर दी है। बेर की फसल दिसम्बर से मार्च तक होती है। बेर के लिए मरुस्थलीय परिस्थितियों के साथ कुछ पानी भी चाहिए। पिछले साल अगस्त व सितम्बर में जोधपुर में करीब 600 मिलीमीटर बरसात होने से बेर को अच्छा खासा पानी मिल गया, जिसके चलते इसका उत्पादन पिछले साल से 20 से 30 फीसदी बढ़ गया।
46 में से 40 वैरायटी पैदा की काजरी ने
बेर की झाडिय़ों से काजरी का उद्यानिकी प्रभाग लहलहा रहा है। बेर की कुल 46 वैरायटी में से 40 वैरायटी काजरी ने लगाई है। इसमें एक चौथाई वैरायटी गोला की है जो जोधपुर में सबसे अधिक पंसद किया जाता है। इसका आकार भी बड़ा होता है। बेर में विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स जैसे पोषक तत्व होते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने से यह घाव को जल्दी भरने में भी मददगार होता है।
टीसीएस वैल्यू से निर्धारिता होता है मीठापन
काजरी के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अख्तसिंह ने बताया कि बेर के टीएसएस (टोटल सोल्यूबल शुगर) से उसके मीठेपन का निर्धारिण होता है। बेर की इलायची वैरायटी सबसे अधिक मीठी है। इसकी टीएसएस 27 है। जिनका रंग हरा व छोटा होने के बावजूद यह अत्यधिक मीठे हैं। यह जनवरी के अंत तक पकेगा। गोला का टीएसएस 22.5 है जो थोड़ा कम है।
जानिए बेर के बारे में
50 लाख टन बेर का उत्पादन हुआ काजरी में
50 वैरायटी लगाई है इस साल
5 वैरायटी अत्यधिक प्रचलित है
100 किलो बेर होता है गोला की प्रति झाड़ी से
40 किलो बेर होता है उस्मान वैरायटी की एक झाड़ी से
सर्दी ने हमारा साथ दिया
इस बार कड़ाके की सर्दी और लंबी अवधि तक ठण्ड रहने की वजह से बेर अच्छा खासा हुआ है। अगर तापमान में बढ़ोतरी हो जाती तो बेर जल्दी पककर गिर जाते।
डॉ. पीआर मेघवाल, प्रधान वैज्ञानिक, काजरी जोधपुर
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