
हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू और विक्रमसिंह।
जोधपुर/पत्रिका। बरसों से एक-दूसरे पर फायरिंग कर रहे हार्डकोर-हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू व विक्रमसिंह नांदिया गैंग के एक बार फिर से भिड़ने की आशंका है। इस बार यह गैंगवार देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार जोधपुर सेन्ट्रल जेल में होने की सूचना थी, जहां कैलाश मांजू के चचेरे भाई राकेश मांजू पर ताबड़तोड़ फायरिंग का मुख्य आरोपी विक्रमसिंह नांदिया व मददगार हिस्ट्रीशीटर दिनेश बंबानी बंद थे। जेल में हमले की आशंका के चलते इन दोनों बंदियों को गुपचुप तरीके से अजमेर में घुघरा घाटी की हाई सिक्योरिटी जेल शिफ्ट कर दिया गया हैं।
कड़ी सुरक्षा में जेल से स्थानान्तरित
फायरिंग के मामले में लम्बे समय तक फरार विक्रमसिंह नांदिया व दिनेश बंबानी को बोरानाडा थाना पुलिस ने 20 जून को गिरफ्तार किया था। रिमाण्ड पर लेने के बाद दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया था। तब से दोनों जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बंद थे। इस बीच, पुलिस व जेल प्रशासन को सूचना मिली कि जेल में दोनों गिरोह भिड़ सकते हैं। विरोधी गैंग जेल में दोनों बंदियों पर हमला करवा सकती है। ऐसे में दोनों बंदियों को कड़ी पुलिस सुरक्षा के साथ हाई सिक्योरिटी जेल स्थानान्तरित कर दिया गया। जेल प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है।
इसलिए गोपनीय रखा गया जेल से स्थानान्तरण
पुलिस व जेल प्रशासन को दोनों हिस्ट्रीशीटर बंदियों पर हमले की सूचना थी। इसके लिए जेल में अवैध हथियार पहुंचाए जाने के प्रयास की भी आशंका थी। इससे बचने के लिए दोनों हिस्ट्रीशीटर बंदियों को गोपनीय तरीके से हाई सिक्योरिटी जेल भेजा गया है।
एक-दूसरे पर छह बार कर चुके हैं फायरिंग
1 फरवरी को चौपासनी बाइपास स्थित वीतराग सिटी के मुख्य गेट पर हिस्ट्रीशीटर राकेश मांजू पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई थी। गनीमत रही कि वो बच गया था। इससे पहले भी दोनों गिरोह एक-दूसरे पर पांच-छह बार फायरिंग कर चुके हैं। राजपासा में एक साल के लिए निरूद्ध करने संबंधी आदेश जारी होने के बाद से हार्डकोर व हिस्ट्रीशीटर कैलाश मांजू फरार है और उस पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित है।
Published on:
06 Jul 2023 06:40 pm
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