पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार शोभायात्रा समापन के बाद शाम को रथ व झांकियां सूरसागर से लौट रही थी। इनमें साथ चल रहे मोहल्ले के कुछ युवक नारेबाजी कर रहे थे। कुछ झांकियां आगे निकल और पीछे रहने वाली कुछ झांकियों के व्यापारियों का मोहल्ला पहुंचते ही पथराव शुरू हो गया। आरोप है कि एक गुट से जुड़े कुछ युवकों ने सड़क पर खड़े होकर मकानों पर पत्थर फेंके और बिजली के मीटर भी क्षतिग्रस्त कर दिए गए। अचानक हुए पथराव से लोगों में खौफ व्याप्त हो गया और वे चीखने-चिल्लाने लगे। यह गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।
दीवारें फांद घरों में घुसे व्यापारियों का मोहल्ले से कुछ दूर भूरंटिया में उपद्रवी दीवार फांदकर मनीष गहलोत के मकान में घुसे और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। रामनवमी के चलते घर में आए मेहमान भी घबरा गए। विरोध के बावजूद उपद्रवियों ने मकान में खड़ी मोपेड व मोटरसाइकिल बाहर निकालकर केरोसीन डालकर आग लगा दी। बच्चों की साइकिल को भी तोड़कर आग के हवाले कर दिया।
पुलिस व आरएसी के जवानों ने मोहल्ले में समुदाय विशेष के विद्यालय की तलाशी ली। वहां बड़ी संख्या में लोग छुपे थे। पुलिस ने डण्डे फटकारकर सभी को खदेड़ दिया।
देर रात पुलिस कुछ और युवकों को पकडकऱ थाने लाई। जिसको लेकर लोगों ने फिर विरोध जताना शुरू कर दिया। पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। तब पुलिस व आरएसी ने डण्डे फटकारे और सभी को खदेड़ा।
मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने शहरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इस घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री लगातार पुलिस और प्रशासन से संपर्क बनाए रहे।
उत्पात के बाद पुलिस ने स्थिति नियंत्रित कर ली थी। तब देर रात बजे किसी ने केरोसीन से भिगा कपड़ा जलाकर शटर के नीचे से बंद दुकान में डाल दिया। दुकान में एक एसयूवी कार खड़ी थी। लपटें व धुआं निकलता देख प्रथम मंजिल पर घरवाले चिल्लाए। तब मुख्य सडक़ पर खड़ी पुलिस मौके पर आई और शटर ऊपर करके आग बुझाई। गनीमत रही कि आग कार तक नहीं पहुंची थी।