केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2014 में जोधपुर में सीआरपीएफ के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर को मंजूरी दी थी लेकिन भूमि अवाप्ति में देरी के चलते इसे अस्थाई रूप से सूरतगढ़ शिफ्ट कर दिया गया था। पालड़ी खिचियान में इसका स्वयं का भवन बनकर तैयार होने के बाद मार्च में औपचारिक उद्घाटन किया गया और सूरतगढ़ से जोधपुर शिफ्टिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। हाल ही में सूरतगढ़ के अस्थाई केंद्र को बंद करके इसे पूरी तरीके से जोधपुर शिफ्ट कर दिया गया है। सीआरपीएफ का खुद का पहला बैच अगले एकाध महीने में आने की संभावना है। वैसे पांच साल में सूरतगढ़ से भी पांच हजार जवानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। यहां एक साथ 1500 जवानों के प्रशिक्षण की सुविधा है। 175 एकड़ में फैले भवन में क्वार्टर, मेस, हॉस्पीटल और प्रशिक्षण की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। यहां एक पद डीआईजी का है जो प्रिंसिपल है। एक कमाण्डेंट, दो डिप्टी कमाण्डेंट और छह असिस्टेंट कमाण्डेंट के पद है।
क्या है सीआरपीएफ
सीआरपीएफ अद्र्ध सैनिक बल है जिसकी स्थापना 1939 में क्राऊन रिप्रजेंटेटिव पुलिस के रूप में की गई थी। आजादी के बाद 1949 में संसद से एक्ट पारित कर इसका नाम सीआरपीएफ रखा गया था। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है। राजस्थान में केवल जोधपुर में ही सीआरपीएफ रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर है। इसके अलावा सात और राज्यों में मध्यप्रदेश के नीमच, केरल के पेरिंगोम, बिहार के राजगीर, तमिलनाडू के अवधी, महाराष्ट्र के लातूर, कश्मीर के श्रीनगर, और उत्तरप्रदेश के अमेठी में ट्रेनिंग सेंटर कार्यरत है।